हिंदू व मुस्लिम गणना हो सकती है तो ओबीसी की क्यों नहीं : छगन भुजबल

हिंदू व मुस्लिम गणना हो सकती है तो ओबीसी की क्यों नहीं : छगन भुजबल

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-01 10:29 GMT
हिंदू व मुस्लिम गणना हो सकती है तो ओबीसी की क्यों नहीं : छगन भुजबल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जनगणना के मामले पर ओबीसी समाज के साथ अन्याय होने का आरोप लगाते हुए अन्न आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा है कि राज्य में ओबीसी समाज को भाजपा ने फंसाया है। धोखा दिया है। सरकार हिंदू व मुस्लिम जनगणना कर सकती है, फिर ओबीसी गणना क्यों नहीं कर रही है। एक कार्यक्रम के सिलसिले में शनिवार को शहर में आए मंत्री भुजबल पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा- भाजपा नेता राजनाथसिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री पद पर रहते हुए जनगणना में ओबीसी की स्वतंत्र गणना का आश्वासन दिया था। उससे पहले 2011 में नियोजन आयोग की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में ओबीसी जनगणना के प्रस्ताव पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने हस्ताक्षर किए थे। सत्ता में आने के बाद भाजपा ओबीसी गणना के आश्वासन को पूरा नहीं कर रही है। ओबीसी समाज के साथ धोखा कर रही है। भुजबल,समता परिषद के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा ओबीसी समाज के लिए उनका आंदोलन जारी रहेगा। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से चर्चा करेंगे। राज्य विधानमंडल का बजट अधिवेशन समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ वे दिल्ली जाएंगे। भुजबल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ओबीसी जनसंख्या के आधार पर उन्हें आरक्षण लाभ देने से बचने के लिए जनगणना करने से बच रही है। चर्चा के समय समता परिषद के नेता किशोर कन्हेरे, राष्ट्रवादी ओबीसी सेल के प्रदेश अध्यक्ष ईश्वर बालबुधे उपस्थित थे। 

यह भी कहा

ओबीसी में 6 हजार जातियां शामिल हैं। सरकार कहती है कि अलग से गणना करना कठिन है। 1931 में अंगरेजों ने जनगणना की थी। तब कोई आधुनिक साधन नहीं है। अब इंटरनेट, मोबाइल, कम्यूटर जैसे साधन है। जनगणना करने में अड़चन नहीं होगी। भुजबल ने यह भी कहा कि एनआरसी या मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे का महाविकास आघाड़ी सरकार पर प्रभाव नहीं होगा। यह सरकार 15 वर्ष तक रहेगी। भाजपा को नहीं भूलना चाहिए कि वह राज्य में विपक्ष में है। 

अन्यथा देशभर में होगा आंदोलन : तायवाडे

केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी की अलग से जनगणना करने से इनकार करने पर राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने देशभर में आंदोलन की चेतावनी दी है। महासंघ के अध्यक्ष डॉ. बबनराव तायवाडे ने कहा कि केंद्र ने ओबीसी की जनगणना करने से इनकार करने से महाराष्ट्र के ओबीसी समाज में असंतोष है। महासंघ केंद्र सरकार के इस निर्णय का निषेध करता है। महाराष्ट्र सरकार ने पहल कर प्रस्ताव पारित किया है। इसके लिए राज्य के सभी नेता व विधायकों का अभिनंदन किया गया।  इस दौरान शरद वानखेडे, शहराध्यक्ष संजय पन्नासे, कार्याध्यक्ष पूर्व सांसद डॉ. खुशाल बोपचे, गणेश नाखलेआदि मौजूद थे। 

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