प्राकृतिक आपदा से कम नहीं है डॉक्टरों की हड़ताल, 230 मरीजों की मौत से हाईकोर्ट नाराज 

प्राकृतिक आपदा से कम नहीं है डॉक्टरों की हड़ताल, 230 मरीजों की मौत से हाईकोर्ट नाराज 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-24 14:26 GMT
प्राकृतिक आपदा से कम नहीं है डॉक्टरों की हड़ताल, 230 मरीजों की मौत से हाईकोर्ट नाराज 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोगों की मौत को नियमित घटना क्रम मानने की बजाय सरकार और प्रशासन जीवन का मोल समझे। बांबे हाईकोर्ट ने 2014 में डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान 230 मरीज की मौत कि जानकारी मिलने पर यह तल्ख टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि प्रशासन इस बात का अध्ययन करे की डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने पर मरीजों को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ प्राकृति विपदा ही आपदा नहीं है, डाक्टरों की हड़ताल से पैदा होने वाली परिस्थितियां भी आपदा के समान हैं। इसलिए सरकार इन परिस्थितियों से निपटने के लिए जरुरी दिशा-निर्देश तैयार करें।

हड़ताल के दौरान 230 मरीजों की मौत

साल 2014 में 1 जुलाई से सात जुलाई के बीच सीविल अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान राज्य भर में 230 मरीजों की मौत हुई थी। बुधवार को सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने न्यायमूर्ति नरेश पाटील व न्यायमूर्ति नितिन सांब्रे की खंडपीठ को यह जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि डॉक्टरों की हड़ताल के बाद सरकार ने एक कमेटी बनाई थी। कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक हड़ताल के दौरान 230 मरीजों की मौत हुई थी। मरने वाले कुछ मरीजों के परिजनों ने कहा था कि उन्हें डॉक्टरों से कोई शिकायत नहीं। सिर्फ 8 मरीज ऐसे हैं जिन्होंने शिकायत की है। लेकिन केस पेपर में कुछ कमिया हैं। इसलिए कमेटी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पायी है। हड़ताल को लेकर पेशे से वकील सदाव्रते गुणरत्ने ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट क्यों नहीं पेश की है?

इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि कमेटी ने अब तक अपनी रिपोर्ट क्यों नहीं पेश की है? जबकि हड़ताल 2014 में हुई थी। हम चाहते है कि सरकार और प्रशासन ऐसी हड़ताल को भूलने की बजाय उससे सबक ले। ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। हमे जीवन के मोल को समझना होगा। लोगों की मौत को नियमित घटना क्रम नहीं माना जाना चाहिए। अदालत ने चार सप्ताह के भीतर कमेटी की रिपोर्ट अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। 

Similar News