उपजिलाधिकारी के तबादले को हाईकोर्ट ने माना अवैध, पाटील को झटका

उपजिलाधिकारी के तबादले को हाईकोर्ट ने माना अवैध, पाटील को झटका

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-11 16:32 GMT
उपजिलाधिकारी के तबादले को हाईकोर्ट ने माना अवैध, पाटील को झटका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील को तगड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को पाटील की ओर से एक उपजिला अधिकारी के मिड टर्म तबादले के आदेश को प्रथम दृष्टया अवैध पाया है। पाटील ने जून 2018 में भिवंडी के उपजिला अधिकारी संतोष थिटे के तबादले को लेकर आदेश जारी किया था। मामले से जुड़े दोनों पक्षों और मौलिक रिकार्ड को देखने के बाद न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति एमएस सोनक की खंडपीठ ने पाया कि सिविल सर्विस बोर्ड ने तबादले को लेकर जिन अधिकारियों के तबादले का प्रस्ताव दिया था, उसमें थिटे का नाम नहीं था। इसके बाद थिटे का नाम शामिल करने के लिए एक दूसरा प्रस्ताव तैयार किया गया। इस प्रस्ताव में राजस्व मंत्री के हस्ताक्षर थे, लेकिन नीचे मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर के लिए भी जगह थी जहां मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर नहीं थे।

तबादले के जिस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर थे उसमे थिटे का नाम ही नहीं था। इसके अलावा थिटे के तबादले को लेकर किसी कारण का भी जिक्र नहीं किया गया। जबकि यदि किसी अधिकारी का विशेष परिस्थितियों में तबादला किया जाता है तो इसके लिए लिखित रुप से कारणों का जिक्र करना जरुरी होता है। थिटे के तबादले को लेकर सक्षम प्राधिकरण की मंजूरी भी नहीं ली गई है। ट्रांसफर एक्ट 2005 के अनुसार एक पद पर तीन साल की सेवा  के बाद ही उसका तबादला किया जा सकता है। खंडपीठ ने कहा कि थिटे ने एक पद पर अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया था। इसके अलावा तबादले को लेकर जरुरी कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है। इस स्थिति में हमे प्रथम दृष्टया राजस्व मंत्री की ओर से जारी किया गया आदेश अवैध नजर आ रहा है। 

इससे पहले याचिकाकर्ता के वकील उदय वारुंजकर ने कहा कि मेरे मुवक्किल के तबादले का आदेश राजनीति से प्रेरित है। क्योंकि सिविल सर्विस बोर्ड ने तबादले को लेकर जो प्रस्ताव तैयार किया था उसमे मेरे मुवक्किल का नाम नहीं था। इसके बाद तैयार किए गए प्रस्ताव में मेरे मुवक्किल का नाम डाला गया है। यह नियमों के खिलाफ है। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम 8 अक्टूबर को इस मामले को विस्तार से सुनेंगे। गौरतलब है कि थिटे ने अपने तबादले के आदेश को पहले महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण (मैट) में चुनौती दी थी। लेकिन मैट ने थिटे के आवेदन को खारिज कर दिया था। इसके बाद थिटे ने मैट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। थिटे ने फिलहाल तबादले की जगह पर अपना प्रभार स्वीकार कर लिया है। 

 

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