आरोपी को समय पर अदालत में पेश न करने पर हाईकोर्ट नाराज
आरोपी को समय पर अदालत में पेश न करने पर हाईकोर्ट नाराज
डिजिटल डेस्क,मुंबई। मुकदमे की सुनवाई के लिए आरोपी को अदालत में हाजिर न करना अथवा देरी से पेश करना उसे निष्पक्ष व स्पीडी ट्रायल(शीघ्रता से सुनवाई) पाने के अधिकार से वंचित करना है। बांबे हाईकोर्ट ने एक आरोपी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान इस बात को स्पष्ट किया है। आरोपी ने याचिका में दावा किया था कि उसे पिछली 12 तरीखों से अदालत में नहीं पेश किया गया है।
जस्टिस मृदुला भाटकर ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि आरोपी को अथवा विचाराधीन कैदी को समय से पेश किए जाने के लिए विशेष पुलिस दल की व्यवस्था की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इस पुलिस दल को आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के अलावा दूसरे किसी काम में न लगाया जाए। क्योंकि आरोपी को देरी से अदालत में देरी से पेश करना अथवा कोर्ट में हाजिर न करना उसे निष्पक्ष व तेजी से सुनवाई पाने के अधिकार से वंचित करना है।
देरी की ये बहताई वजह
सुनवाई के दौरान जस्टिस ने कहा कि सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही विशेष पुलिसदल के कर्मियों को पुलिस आयुक्त व पुलिस आधीक्षक की अनुमति के बाद ही दूसरे काम में लगाया जाए। जस्टिस ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि आरोपी को समय पर अदालत में पेश न किए जाने के चलते अदालत का कामकाज भी प्रभावित होता है साथी शिकायतकर्ता को भी काफी परेशानी होती है। इससे पहले मामले को लेकर तलोजा जेल के अधीक्षक ने जस्टिस के सामने हलफनामा दायर कर कहा कि आरोपियों को अदालत में हाजिर करने के लिए जो पुलिस दल दिया गया है उसे अक्सर बंदोबस्त की ड्यूटी में लगा दिया जिसके चलते आरोपियों को कोर्ट में पेश करने में देरी होती है। फिर भी जेल प्रशासन की यह प्रथामिकता होती है कि आरोपी को समय पर कोर्ट में पेश किया जाए।