सीएम फडणवीस के खिलाफ 22 से सुनवाई , आपराधिक मामले छिपाने का है आरोप
सीएम फडणवीस के खिलाफ 22 से सुनवाई , आपराधिक मामले छिपाने का है आरोप
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में आगामी 22 अगस्त को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई होगी। एड.सतीश उके ने यह याचिका दायर की है, जिसमें फडणवीस पर आपराधिक मामले छिपा कर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया गया है। इस प्रकरण में पूर्व में हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता एड.उके ने जज पर ही कुछ आरोप लगा दिए थे, इसके चलते उन पर अवमानना का मामला चल रहा था। हाल ही में एक अर्जी दायर कर एड.उके ने जज पर लगाए गए अपने आरोप वापस ले लिए। ऐसे में चुनाव याचिका पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया।
कोर्ट ने इस पर 22 अगस्त को सुनवाई रखी है। देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ 4 मार्च 1996 और 9 जुलाई 1998 को दो फौजदारी अपराध दायर किए गए। दोनों अपराधों में फडणवीस ने प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी न्यायालय से 3 हजार के निजी जात मुचलके पर जमानत ली थी। वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने भाजपा की ओर से दक्षिण-पश्चिम नागपुर विधानसभा से पर्चा भरा। आवेदन में उन्होंने उपरोक्त दोनों मामलों की जानकारी नहीं दी। इसी को मुद्दा बना कर चुनाव याचिका में उनका चुनाव रद्द करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की गई है।
सांसद कृपाल तुमाने को हाईकोर्ट का नोटिस
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने रामटेक के सांसद कृपाल तुमाने और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। उनके खिलाफ उनके चुनावी उम्मीदवार किशोर गजभिए ने चुनाव याचिका दायर की है, जिसमें तुमाने के चयन को अवैध बताया है। याचिकाकर्ता ने ईवीएम का विषय उठाते हुए हाईकोर्ट में दलील दी है कि संबंधित लोकसभा क्षेत्र में हुए चुनावों में मतों का मतदाता संख्या से मिलान नहीं हुआ। कई जगह अतिरिक्त मतदान हुआ। इसके बावजूद संबंधित चुनाव अधिकारी ने चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ाई।
याचिकाकर्ता ने ईवीएम मशीनों पर भी संदेह जताया। याचिकाकर्ता ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दलील दी है कि 1 से 2 प्रतिशत ईवीएम में गलती होने की संभावना नकारी नहीं जा सकती। इससे करीब 36 हजार वोटों की हेर-फेर होती है। ईवीएम मशीन के कारण अवैध मतों के लिए कोई तंत्र नहीं है। ऐसे में तुमाने का चुनाव रद्द करके क्षेत्र में दोबारा चुनाव कराने की प्रार्थना याचिका में की गई है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.प्रदीप वाठोरे और चुनाव आयोग की ओर से एड.नीरजा चौबे ने पक्ष रखा।