Nagpur News: दीपावली पर नागपुर शहर में नहीं बढ़ा प्रदूषण, आंकड़ों पर प्रश्नचिन्ह

दीपावली पर नागपुर शहर में नहीं बढ़ा प्रदूषण, आंकड़ों पर प्रश्नचिन्ह
  • पटाखों के फूटने के बाद भी हवा साफ
  • अति व्यस्त मार्केट की स्थिति ठीक-ठाक
  • केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों ने आश्चर्य में डाला

Nagpur News दीपावली के सप्ताह भर पहले तक शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर करीब 199 एक्यूआई तक पाया गया था। एमपीसीबी के अधिकारियों ने भी माना था कि शहर में बाजारों में भीड़, निर्माणकार्य गतिविधि के चलते हवा की गुणवत्ता में फर्क आया है। ऐसे में दीपावली के दौरान हवा की गुणवत्ता में प्रदूषण की मात्रा बेहद खराब होने का अंदेशा होना था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों में शहर की हवा स्वच्छ बताई जा रही है। 31 अक्टूबर की शाम 4 बजे से 1 नवंबर तक के आंकड़ों में शहर की हवा की गुणवत्ता को 150 एक्यूआई दर्शाया गया है। इतना ही नहीं राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों में भी खासा अंतर नजर आ रहा है। शहर के अंबाझरी में पटाखों के चलते खासा प्रदूषण दिखाया गया है, जबकि महाल और रामनगर के इलाके में कम प्रदूषण पाया गया है।

शहर के 4 स्थानों से लगातार वायुगुणवत्ता के आंकड़ों को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल को भेजा जाता है। इस आधार पर सीपीसीबी देश भर के शहरों के एक्यूआई, वायु प्रदूषण जांच के स्टेशन समेत अन्य जानकारी को वेबसाइट पर प्रकाशित करती है। दीपावली के दौरान 31 अक्टूबर से 1 नवंबर की शाम 4 बजे तक शहर में 150 एक्यआई दिखाया गया है। हैरानी यह है कि सीपीसीबी के निरीक्षण में 24 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता 199 एक्यूआई बनी हुई थी। पिछले दो दिनों से शहर में पटाखों के फूटने के बाद भी वायुगुणवत्ता के ठीकठाक होने की रिपोर्ट को लेकर प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं। हालांकि 150 के एक्यूआई में शहर के 4 मानिटरिंग स्टेशनों में पीएम 2.5 बेहद सूक्ष्म धूलकण और पीएम-10 सूक्ष्म धूलकण दोनों को ही जिम्मेदार माना गया है।

4 स्थानों पर भी संदेह : शहर में 4 स्थानों पर लगातार वायु गुणवत्ता की निगरानी होती है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रादेशिक कार्यालय से 4 स्टेशनों से डाटा को सीपीसीबी को भेजा जाता है। इन इलाकों में सिविल लाइन्स में सबसे खतरनाक स्तर 223 एक्यूआई, विभागीय आयुक्त कार्यालय परिसर में 174 एक्यूआई, रामनगर में 189 एक्यूआई और महाल इलाके में 180 एक्यूआई दर्ज किया गया है। हैरानी यह है कि अंबाझरी को शहर के हरित इलाके में शामिल होने के बाद भी हवा की गुणवत्ता को खराब बताया गया है, जबकि महाल के भीड़भाड़ वाले इलाके में फ्लायओवर निर्माणकार्य जारी होने के बाद भी संतोषजनक स्तर में दिखा जा रहा है। शहर की जनता ने पिछले दो दिनों में पटाखों के चलते हवा को खासा खराब पाया है। बावजूद इसके सरकारी आंकड़ों में सबकुछ ठीक होने की स्थिति का दावा किया जा रहा है।

आंकड़ों पर प्रश्नचिन्ह : देश भर में दीपावली पर हवा की गुणवत्ता खराब और बेहद खराब स्तर पर नजर आ रही है। कई स्थानों पर 400 एक्यूआई पहुंच रहा है। ऐसे में शहर की आबोहवा का 150 तक एक्यूआई होना प्रश्नचिन्ह लग रहा है। दीपावली के दौरान महाल में कम और अंबाझरी में एक्यूआई ज्यादा होना बेहद अचंभा पैदा कर रहा है। शहर में अन्य इलाकों की अपेक्षा अंबाझरी अब भी हरित क्षेत्र में है, ऐसे में एक्यूआई ज्यादा नहीं हो सकता है। वहीं दूसरी महाल इलाके में फ्लायओवर निर्माणकार्य, भीड़ वाले क्षेत्र में पटाखों के फूटने के बाद भी हवा की गुणवत्ता खराब नहीं हो पाई। -कौस्तुभ चटर्जी, संस्थापक, ग्रीन विजिल फाऊंडेशन,

मानिटरिंग में कमी नहीं : शहर में हवा की गुणवत्ता बेहतर होना सकारात्मक दिखाई दे रहा है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर संदेह करने का कोई भी औचित्य नहीं है। देश के अनेक शहरों और मंुबई के उपनगरों में हवा की स्थिति के खराब होने के आंकड़े भी दिए गए है। ऐसे में मानिटरिंग में कोई भी कमी नहीं हुई है। एमपीसीबी के आंकड़ों का भी मूल्यांकन किया जाएंगा। -हेमा देशपांडे, प्रादेशिक अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, नागपुर

Created On :   2 Nov 2024 12:34 PM GMT

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