MPSC से जुड़े मामले को हाईकोर्ट ने भेजा मैट के पास

MPSC से जुड़े मामले को हाईकोर्ट ने भेजा मैट के पास

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-01 14:59 GMT
MPSC से जुड़े मामले को हाईकोर्ट ने भेजा मैट के पास

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएसी) द्वारा आरक्षित वर्ग की महिला उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी की महिलाओं व खेल कोटे के तहत आरक्षित जगह पर आवेदन करने पर रोक लगाने के मामले को महाराष्ट्र प्रशासकीय पंचाट (मैट) में भेज दिया है। न्यायमूर्ति शांतनु केमकर व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने सामाजिक कार्यककर्ता अजय मुंडे की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद इस मामले को मैट में भेजने का निर्देश दिया। इस दौरान खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि इस प्रकरण से संबंधित परिपत्र पर लगी रोक मैट का आदेश आने तक कायम रहेगी। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को 6 मार्च को अंतरिम राहत के लिए मैट में आवेदन दायर करने को कहा है। 

सर्विस से जुड़ा मामला

इससे पहले सरकारी वकील चंद्रकांत यादव ने कहा कि यह पूरा मामला सर्विस से जुड़ा है। इसलिए इस विषय पर जनहित याचिका नहीं दायर हो सकती है। इसके अलावा इस मुद्दे को लेकर कई आवेदन मैट में दायर किए गए है। जिन पर सुनवाई चल रही है। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने इस याचिका को समाप्त कर दिया और याचिकाकर्ता को मैट में अपनी बात रखने को कहा।   
 गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने  मुंडे की याचिका पर गौर करने के बाद सरकार के 13 अगस्त 2014 के उस परिपत्र पर अंतरिम रोक लगा दी है जिसके तहत एमपीएससी आरक्षित वर्ग की महिला उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी की महिलाओं व स्पोर्टेस कोटे के तहत सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित जगहों पर आवेदन करने से रोकती थी। 

सरकार के परिपत्र को असंवैधानिक बताया

याचिका में सरकार के परिपत्र को असंवैधानिक और अतार्किक बताया गया था। इसके साथ ही दावा किया गया था कि एमपीएससी सरकार के इस परिपत्र को गलत तरीके से लागू कर रही है और आरक्षित वर्ग के लोगों के सामान्य श्रेणी में आवेदन करने पर उन्हें अपात्र व अयोग्य ठहरा रही है। जो कि नियमों व सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के खिलाफ है। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। 

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