फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने का मामला: HC ने कहा - जालसाजी करने वाले को नहीं मिल सकती राहत

फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने का मामला: HC ने कहा - जालसाजी करने वाले को नहीं मिल सकती राहत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-30 11:58 GMT
फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने का मामला: HC ने कहा - जालसाजी करने वाले को नहीं मिल सकती राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जालसाजी करने वाला व्यक्ति कानूनी संरक्षण पाने का हकदार नहीं है। यह बात कहते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने उस शिक्षक को राहत देने से इंकार कर दिया है जिसने बीएड की फर्जी डिग्री देकर स्कूल में नौकरी हासिल की थी। शिक्षक द्वारा जालसाजी करने के सबूत मिलने के बाद जस्टिस एससी धर्माधिकारी व जस्टिस भारती डागरे की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता यादवेंद्र यादव ने फर्जी दस्तावेज व डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल की है। इसलिए वह कानूनी संरक्षण पाने का हकदार नहीं है।

कोर्ट ने सिरे से खारिज की याचिका
याचिकाकर्ता यादवेंद्र यादव ने हिंदी माध्यम के स्कूल नूतन विद्यामंदिर में शिक्षक की नौकरी हासिल की थी। संपूर्णानंद संस्कृति विश्वविद्यालय वाराणसी से बीएड की डिग्री हासिल की है, लेकिन जांच के बाद स्कूल प्रबंधन ने पाया कि यादव ने फर्जी डिग्री पेश की है। नौकरी से बर्खास्त किए जाने के स्कूल प्रबंधन के निर्णय के खिलाफ यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

याचिका में यादव ने दावा किया कि स्कूल प्रबंधन ने उसका पक्ष सुने बगैर ही उसे स्कूल से निकाल दिया है। बर्खास्तगी का आदेश जारी करते समय न्याय के सिध्दांत का पालन नहीं किया गया है। जबकि स्कूल प्रबंधन ने अदालत में स्पष्ट किया कि फर्जी डिग्री के चलते हमने यादव को बर्खास्त किया है।

डिग्री पर लिखा रोल नंबर किसी और व्यक्ति का था 
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने कहा कि जब संपूर्णानंद संस्कृति विश्वविद्यालय ने यह साफ किया है कि यादव की डिग्री पर जो रोल नंबर लिखा है उसकी जगह कोई और व्यक्ति परीक्षा में शामिल हुआ था। यह अपने आप में दर्शाता है कि यादव ने जालसाजी करके बीएड की डिग्री हासिल की है। इसलिए अब इस प्रकरण में आगे की जांच करने का आदेश देने की जरुरत नहीं है। यह कहते हुए बेंच ने यादव की याचिका को खारिज कर दिया। 

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