कुलकर्णी को गिरफ्तारी से 5 फरवरी तक राहत, जमा करने होंगे 50 करोड़

कुलकर्णी को गिरफ्तारी से 5 फरवरी तक राहत, जमा करने होंगे 50 करोड़

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-25 14:11 GMT
कुलकर्णी को गिरफ्तारी से 5 फरवरी तक राहत, जमा करने होंगे 50 करोड़

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने पुणे के बिल्डर डीएस कुलकर्णी व उनकी पत्नी को गिरफ्तारी से मिली राहत को पांच फरवरी तक के लिए बढा दिया लेकिन इस दौरान कुलकर्णी को हाईकोर्ट में 50 करोड रुपए जमा करने का निर्देश दिया गया है। जस्टिस साधना जाधव ने कुलकर्णी की ओर से दायर जमानत आवेदन पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। जस्टिस ने कहा कि दो फरवरी को कुलकर्णी अपनी उन संपत्तियों की सूची भी पेश करे जिन्हें गिरवी रखकर निवेशकों के पैसे लौटाए जा सकते है। जस्टिस ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि आप (कुलकर्णी) पहले निवेशकों के पैसे लौटाए। इसलिए कोर्ट आपको अतिरिक्त समय दे रही है। सुनवाई के दौरान कुलकर्णी के वकील ने कहा कि हम जल्द से जल्द कोर्ट के आदेश के तहत रकम को अदालत में जमा करेगे। मेरे मुवक्किल चाहते हैं कि निवेशकों को उनका पैसा मिले। 


राहत 25 जनवरी तक बढ़ाई थी

इसके पहले बांबे हाईकोर्ट ने पुणे के बिल्डर डीएस कुलकर्णी को गिरफ्तारी से मिली राहत 25 जनवरी तक बढ़ाई थी। जस्टिस साधना जाधव के सामने कुलकर्णी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई थी। इससे पहले कुलकर्णी के वकील ने जस्टिस को बताया कि मेरे मुवक्किल ने पैसों का इंतजाम कर लिया है 25 जनवरी तक उनके खाते में 51 करोड रुपए जमा हो जाएंगे। इसलिए उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाए। मेरे मुवक्किल ने अपनी विदेशी कंपनियों से पैसे मंगाए हैं। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 25 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। हाईकोर्ट ने कुलकर्णी को आखरी मौका दिया थ

कुलकर्णी की गिरफ्तारी पहले भी टली

कुलकर्णी और उनकी पत्नी हेमंती कुलकर्णी की गिरफ्तारी पहले भी टली थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उन्हें 19 जनवरी तक 50 करोड़ रूपए भरने का आदेश दिए। कुलकर्णी दंपति ने अंतरिम जमानत के मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने उन्हें 50 करोड़ रूपए जमा करने का आदेश दिया था, लेकिन कुलकर्णी रूपए जमा नहीं कर सके। इसलिए उनकी अंतरिम जमानत की अर्जी कोर्ट ने खारिज की थी। अर्जी खारिज होने के कारण कुलकर्णी दंपति की गिरफ्तारी होनी थी। गिरफ्तारी के डर से दोनों लापता भी हुए थे। इसी बीच उन्होंने हाईकोर्ट के निर्णय के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जिसके बाद कोर्ट ने मोहलत दी गई। 
 

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