प्रतिबंधित दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर हाईकोर्ट नाराज 

 प्रतिबंधित दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर हाईकोर्ट नाराज 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-06 15:51 GMT
 प्रतिबंधित दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर हाईकोर्ट नाराज 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रतिबंधित दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर केंद्र सरकार की निष्क्रियता पर बांबे हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार का संबंधित विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई कर रहा, भगवान को ही पता होगा। याचिका पर गौर करने के बाद कोर्ट ने पाया कि शिड्यूल ‘एच‘ के तहत आनेवाली दवाएं भी नियमों का उल्लंघन कर ऑनलाईन बेची जा रही है। नियम का पालन किए बगैर दवा बेचने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। कानून का उल्लंघन कर ऑनलाइन बेची जा रही प्रतिबंधित दवाओं के मुद्दे पर प्रोफेसर मयूरी पाटील ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। जिसमें दावा किया गया कि बगैर डॉक्टर की पर्ची के दवा दी जा रही है। जो लोगों के हित में नहीं है। जो लोग दवाएं बेच रहे उनके पास लाइसेंस भी नहीं है। 

बेंच ने सरकार से पूछा ये सवाल

इसपर खंडपीठ ने पूछा कि सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए है और क्या कार्रवाई की है? क्योंकि यह बेहद गंभीर मामला है। इससे सीधे लोगों की सुरक्षा का मामला जुड़ा है। जवाब में सरकारी वकील धीरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने मामले को देखने के लिए कमेटी बनाई थी। जिसने अपनी सिफारिशें दी हैं। इसके तहत तैयार नियमों के मसौदे को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पास भेजा गया है। 

गैर सरकारी संस्था के वकील की दलील

उधर ऑनलाइन दवाओं की विक्री का समर्थन करनेवाली गैर सरकारी संस्था के वकील ने कहा कि दवाओं की ऑनलाईन बिक्री से उन बुजुर्गो को राहत मिलती है, जो दवाएं खरीदने बाहर नहीं जा सकते। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील के अनुपस्थिति होने के चलते खंडपीठ ने मामले की पैरवी के लिए अधिवक्ता जाल एदेरोजिना की न्यायमित्र के रुप नियुक्ति की। ताकि खंडपीठ को इस मामले में बेहतर कानूनी सहयोग मिल सके।

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