फेरीवालों को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, भाजपा का संजय निरुपम पर पलटवार

फेरीवालों को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, भाजपा का संजय निरुपम पर पलटवार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-03 16:35 GMT
फेरीवालों को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, भाजपा का संजय निरुपम पर पलटवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अपने उस फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। जिसके तहत फेरावालों को मनचाही जगह पर दुकान लागने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने साफ किया था कि फेरीवाले सिर्फ हाकिंग जोन में ही अपना समान बेच सकते है। इस तरह से हाईकोर्ट ने फेरीवालों को राहत देने से इंकार कर दिया है। फेरीवालों के संगठनों ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया था कि वे अपने इस फैसले पर रोक लगाए। ताकि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके। जस्टिस भूषण गवई व जस्टिस संदीप शिंदे की खंडपीठ ने अपने फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। फेरीवाले संगठन की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता बीए देसाई ने कहा कि अदालत के फैसले के चलते फेरीवालों की आजीविका प्रभावित रही है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि 1 मई 2014 से पहले जिन 99 हजार फेरीवालों को संरक्षण दिया गया है, वे सुरक्षित रहेंगे। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 

रेलवे पुल और स्टेशन से 150 मीटर के दायरे में समान बेचने पर रोक

गौरतलब है कि दो दिन पहले हाईकोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया था कि अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान और धार्मिक स्थल के सौ मीटर के दायरे में फेरीवाले अपना समान नहीं बेच सकते है। अदालत ने रेलवे पुल और स्टेशन से 150 मीटर के दायरे में समान बेचने पर रोक लगाई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि फेरीवाले सिर्फ हाकिंग जोन में ही अपना समान बेचे वे मनचाही जगह पर अपनी दुकान नहीं लगा सकते है। 

बीजेपी का निरुपम पर पलटवार

फेरीवालों के मुद्दे पर मुंबई बीजेपी उपाध्यक्ष कृष्णा हेगडे ने नाम लिए बिना कांग्रेस नेता संजय निरुपम पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल किया कि पार्टी ने उस वक्त क्यों चुप्पी साध रखी थी, जब कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने ही फेरीवालों के खिलाफ मुहिम चलाई थी। पूर्व कांग्रेस विधायक हेगडे ने मुंबई महानगर पालिका चुनावों से पहले बीजेपी का दानव थाम लिया था। हेगड़े ने कहा कि जो लोग फेरीवालों के अधिकारों के नाम पर प्रदर्शन कर रहे हैं, उनकी बोलती 2012-13 के बीच क्यों बंद थी। जब गृहविभाग फेरीवालों के खिलाफ अभियान चला रहा था। उन नेताओं ने पूरे एक साल इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी। हेगडे के मुताबिक आज खुद को फेरीवालों का हितैशी बता रहे नेता 2014 में भी चुप थे जब फेरीवालों को लेकर नीति बनी थी। बता दें कि एलफिंस्टन पुल हादसे के बाद महाराष्ट्र नव निर्माण सेना अवैध फेरीवालों के खिलाफ अभियान चला रही है जबकि कांग्रेस पार्टी फेरीवालों के समर्थन में उतरकर उन्हें हटाने का विरोध कर रही है।

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