सरकारी वकील के रवैए से नाराज हाईकोर्ट ने पूछा, कैसे होती हैं इनकी नियुक्ती ?
सरकारी वकील के रवैए से नाराज हाईकोर्ट ने पूछा, कैसे होती हैं इनकी नियुक्ती ?
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने जानना चाहा है कि विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति किस तरह से की जाती है। विधि व न्याय विभाग के सचिव को इस संबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। जस्टिस भूषण गवई व जस्टिस बीपी कुलाबावाला की बेंच ने यह निर्देश एच के शाह के ओर से दायर आवेदन पर सुनवाई के बाद दिया।
कोर्ट में मौजूद जांच अधिकारी
मारपीट के एक मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए शाह ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था। इस प्रकरण को लेकर दिंडोशी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 323,504 व 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सुनवाई के दौरान बेंच ने पाया कि इस मामले में विशेष सरकारी वकील जांच अधिकारी से निर्देश लेने की बजाय पुलिस को शिकायत की सूचना देने वाले से निर्देश ले रहे हैं। जबकि जांच अधिकारी कोर्ट में मौजूद था।
सरकारी वकीलों की नियुक्ति किस तरह से की जाती है ?
सरकारी वकील के इस रुख को देखते हुए बेंच ने राज्य के विधि व न्याय विभाग के प्रधान सचिव को हलफनामा दायर कर स्पष्ट करने को कहा कि विशेष सरकारी वकीलों की नियुक्ति किस तरह से की जाती है। सरकारी वकील से अपेक्षा की जाती है कि वह किसी पक्षकार की तरफ से नहीं बल्कि स्वतंत्र व निष्पक्ष रुप से मामले की पैरवी करे।
1 मार्च तक हलफनामा दायर करने का निर्देश
कोर्ट ने कहा हम राज्य के विधि व न्याय विभाग के सचिव से जानना चाहते है कि सरकारी वकील निष्पक्ष व स्वतंत्र रुप से पैरवी करते हैं या कुछ दूसरे घटक उन्हे मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। बेंच ने विधि व न्याय विभाग के सचिव को 1 मार्च तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। इस दौरान बेंच ने स्पष्ट किया कि यदि इस मामले में आवेदनकर्ता को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे 25 हजार रुपए के मुचलके पर छोड़ दिया जाए।