हाईकोर्ट का सरकार से सवाल-सिनेमा हाल में जानेवाले वहां से ही क्यों खरीदे सामान     

हाईकोर्ट का सरकार से सवाल-सिनेमा हाल में जानेवाले वहां से ही क्यों खरीदे सामान     

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-04 12:39 GMT
हाईकोर्ट का सरकार से सवाल-सिनेमा हाल में जानेवाले वहां से ही क्यों खरीदे सामान     

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार सिनेमा हाल में पीने का पानी और खाद्य पदार्थ ले जाने की अनुमति देने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने पर विचार करें। क्योकि सिनेमा घर एयरपोर्ट की तरफ सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील नहीं है कि वहां जानेवाले हर शख्स की तलाशी ली जाए। कोर्ट ने कहा सिनेमा हाल में जानेवाले लोग वहां से ही क्यों समान खरीदे? जस्टिस आरएम बोर्ड और जस्टिस राजेश केतकर की खंडपीठ ने महानगर निवासी जितेंद्र बक्षी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। खंडपीठ ने कहा कि यदि सिनेमा हाल में कोई अपना खाना-पानी ले जाता है, तो इसमें क्या दिक्कत हो सकती है? 

सरकारी वकील की दलील

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि उन्हे इस मामले में जवाब देने के लिए थोड़ा वक्त दिया जाए। इस पर खंडपीठ ने सरकार को तीन सप्ताह के भीतर याचिका में उठाए गए मुद्दे पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। याचिका में स्पष्ट किया गया है कि सिनेमा हाल में लोगों को अपना पानी व खाना ले जाने की अनुमति न देना उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। इस पर लगी रोक को तुरंत हटाया जाए। इस दौरान खंडपीठ ने सिनेमा हाल में जानेवाले दर्शकों की ली जानेवाली तलाशी पर भी सवाल उठाया। खंडपीठ ने कहा कि सिनेमा हाल में लगे मेटल डिटेक्टर इस बात को आश्वस्त करते हैं कि कोई अपने साथ सिनेमा हाल के भीतर हथियार न ले जाए। फिर वहां जानेवाले व्यक्ति के पर्स बैग खोलकर देखने की क्या जरुरत है?

याचिकाकर्ता की अपील

खंडपीठ ने कहा कि सिनेमा हाल में जानेवाले लोगों को वहां का ही समान लेने के लिए क्यों बाध्य किया जाता है। आखिर खाना व पानी ले जाने पर प्रतिबंध लगाने के पीछे क्या तर्क जुड़ा है। इसकी अगली सुनवाई के दौरान जानकारी दी जाए। इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि कानून ऐसा कोई नियम नहीं बनाया गया है। जो लोगों को सिनेमा हाल के भीतर अपना खाना व पानी ले जाने से रोकता हो। महाराष्ट्र सिनेमा रेग्युलेशन से जुड़े नियम सिनेमा हाल के भीतर समान बेचने पर प्रतिबंध लगाते हैं। लेकिन नियम का धडल्ले के साथ उल्लंघन हो रहा है। सिनेमा हाल में तरह-तरह की खाद्य समाग्री मिलती है। वेटर तो लोगों की सीट तक समान पहुंचाते है। इस तरह के प्रतिबंध से वरिष्ठ नागरिकों को परेशानी होती है। जो मेडिकल कारणो के चलते बाहर की खाद्य समाग्री का सेवन नहीं कर पाते है। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने उपरोक्त बात कही। 
 

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