हर गांव की बनेगी अलग पहचान, विकास कार्यों में ग्रामीणों की सामूहिक भागीदारी का भी प्रयास
शहडोल हर गांव की बनेगी अलग पहचान, विकास कार्यों में ग्रामीणों की सामूहिक भागीदारी का भी प्रयास
डिजिटल डेस्क, शहडोल । हर गांव की अलग पहचान होगी। यह पहचान के गांव के इतिहास, रीति-रिवाज, खान-पान और प्रतिभाओं से जुड़ी होगी, जिसे वर्ष में एक दिन गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। जिले में इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। आगामी ८ से १७ मार्च तक सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। इसमें सर्वसम्मति से गौरव दिवस की तिथि और रूप रेखा तय की जाएगी।
ग्राम गौरव दिवस को लेकर शुक्रवार को जिला पंचायत सभागार में जनपद पंचायतों के मास्टर टे्रनर्स की ट्रेनिंग हुई। इसमें ग्राम सभा के आयोजन के संबंध में जानकारी दी गई। ट्रेनिंग में बताया गया कि ग्राम सभा द्वारा एक निश्चित दिवस को ग्राम गौरव दिवस के रूप में मान्य किया जाएगा। ग्राम सभा सर्वसम्मति से गांव के किसी ऐतिहासिक दिवस, गांव के महापुरुष, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अथवा अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त महिला या पुरुष के जन्म दिवस या फिर ग्राम की परंपरा में स्थापित किसी खास दिवस को ग्राम गौरव दिवस के रूप में मान्य किया जा सकता है।
पारंपरिक खेल, संगीत का होगा आयोजन, बुजुर्गों का सम्मान
८ से १७ अगस्त तक ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा। ग्राम सभा में वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। ग्राम सभा में ग्राम गौरव दिवस की तिथियां तय होने के बाद जनपदों से कंपाइल होकर जानकारी जिला स्तर पर आएगी। जिला स्तर से संबंधित ग्रामों के ग्राम दिवस की तिथियों को जारी किया जाएगा। इसके बाद अलग-अलग तिथियों में गौरव दिवस का आयोजन किया जाएगा। गौरव दिवस कार्यक्रम में पारंपरिक खेल, संगीत आदि का आयोजन किया जाएगा। गांव के बुजुर्ग व अलग-अलग क्षेत्र के सफल व्यक्तियों का सम्मान होगा। विकास, ज्ञान, कला व सामाजिक मूल्यों के आधार पर भविष्य के लक्ष्य व रणनीति तैयार की जाएगी। लोग सुनिश्चित करें कि गांव का स्कूल, आंगनबाड़ी, अस्पताल ठीक से संचालित हों। राशन दुकान में गरीबों को नियमित राशन मिले। शासन की योजनाएं सही तरीके से लागू हों।
गौरव दिवस मनाने का उद्देश्य, गांव का सकारात्मक विकास
ग्राम गौरव दिवस मनाने का उद्देश्य प्रत्येक ग्राम की एक विशिष्ट पहचान स्थापित करना तथा ग्राम के विकास व कल्याण के लिए सामूहिक प्रयास सुनिश्चित करना है। ग्राम से संबधित विभूतियों जो पूर्व में हुई हैं तथा वर्तमान में ग्राम से संबंधित सफल एवं अनुकरणीय व्यक्तियों की जानकारी एकत्र करना व ग्राम से संबंधित ऐसे व्यक्ति जो ग्राम से बाहर रहते हुए विभिन्न क्षेत्रों में सफल व अनुकरणीय हैं उनको गांव के विकास एवं कल्याण से जोडऩा। उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना व ग्राम की सकारात्मक एवं विशिष्ट पहचान बनाने में सहयोग लेना। गांव के पारंपरिक खेल, नृत्य, गायन, भोजन, कृषि यंत्र एवं वाद्य यंत्रों आदि को चिन्हित करना व उनके प्रयोग एवं उपयोगिता को सामयिक बनाना तथा बढ़ावा देना। इसके अलावा गांव के बसने से संबंधित इतिहास का पता करना, गांव के मूल विरासत से जुड़ी जानकारी एकत्र करना, ग्राम के संसाधनों व संभावनाओंं की सूची तैयार करना, तथा गांव के पूजनीय, दर्शनीय, सम्मानीय स्थलों को चिन्हित करना भी मकसद है।
मुख्यमंत्री ने की थी अपील
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों शहडोल प्रवास के दौरान लोगों का आह्वान किया था कि तीन काम में सभी का सहयोग चाहिए। पहला स्वच्छता। स्वच्छता मेें हर शहर बेहतर बने यह जनता का काम है। शहडोल स्वच्छता में नंबर बनने के लिए मिलकर प्रयास करना होगा। इसी तरह हर गांव को अपना गौरव मनाना चाहिए। इस दिन बाहर रहने वाले भी लोग गांव में आएं और देखें के गांव को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। आयोजन कब करना है, यह आप तय कर लें और तीसरा काम है पौधरोपण। हर व्यक्ति साल में कम से कम एक पेड़ जरूर लगाए।
इनका कहना है
ग्राम गौरव दिवस को लेकर तैयारी चल रही है। शुक्रवार को मास्टर टे्रेनर्स की ट्रेनिंग हो गई है। ८ मार्च से १७ मार्च तक ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इसमें सर्वसम्मति से गौरव दिवस की तिथियां व रूप रेखा तय की जाएगी। इसके बाद निर्धारित तिथि में गौरव दिवस का आयोजन किया जाएगा।