विश्वविद्यालय न्यायाधिकरण को जरूरी सुविधाएं प्रदान करेगी सरकार
विश्वविद्यालय न्यायाधिकरण को जरूरी सुविधाएं प्रदान करेगी सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह विश्वविद्यालय व महाविद्यालय न्यायाधिकरणों को जरूरी संसाधन व सुविधाएं प्रदान करेगी। न्यायाधिकरणों में सुविधाओं के अभाव को लेकर पेशे से वकील प्रवर्तक पाठक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच के सामने सुनवाई चल रही है।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि सरकार विश्वविद्यालय व महाविद्यालय न्यायाधिकरण के लिए सुसज्जित कार्यालय प्रदान करेगी। इसके साथ न्यायाधिकरण में कार्यरत पीठासीन अधिकारी को निवास, जरुरी स्टाफ और वाहन व वाहन चालक उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा पीठासीन अधिकारी का वेतन हाईकोर्ट के न्यायाधीश के बराबर होगा। न्यायाधिकरण को दी जानेवाली सुविधाओं को लेकर सरकारी वकील ने सरकार की ओर से प्रस्तावित शासनादेश का मसौदा पेश किया। जिसे याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता उदय वारुंजेकर ने अस्पष्ट बताया।
उन्होंने कहा कि सुसज्जित कार्यालय से सरकार का क्या अभिप्राय है? इसका ब्यौरा शासनादेश में नहीं दिया गया है। सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि कार्यालय का आकार व फर्नीचर कैसा होगा। इसके अलावा कई बाते हैं जो शासनादेश में साफ नहीं है। इन दलीलों को सुनने के बाद ने कहा कि सरकार के शासनादेश में क्या कमिया हैं, उसमे किन चीजों का समावेश किया जाए। याचिकाकर्ता के वकील अपने सुझाव हमारे समाने अगली सुनवाई के दौरान पेश करे। यहन कहते हुए ने मामेल की सुनवाई तीन सप्तात तक के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि राज्य भर में चार विश्वविद्यालय व महाविद्यालय न्यायाधिकरण का गठन किया गया है।