सीएम ने की किसानों के संयम की तारीफ, कहा- लांग मार्च से पहले ही चर्चा को तैयार थी सरकार
सीएम ने की किसानों के संयम की तारीफ, कहा- लांग मार्च से पहले ही चर्चा को तैयार थी सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। लांग मार्च के दौरान किसानों के संयम की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकार के देर से कदम उठाने के विपक्ष के आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ महीने पहले इस लांग मार्च की जानकारी हुई थी। इसके बाद मंत्री गिरीष महाजन को चर्चा के लिए किसानों के पास भेजा गया था। सरकार किसानों की मांगों से सहमत थी। लेकिन किसान नेता लांग मार्च करना चाहते थे। मुख्यमंत्री ने यह कहते हुए किसानों की सराहना की कि सरकार की अपील स्वीकार करते हुए दसवीं के परीक्षार्थियों को परेशानी से बचाने के लिए थके होने के बावजूद आधी रात में ही सायन से यात्रा कर आजाद मैदान तक पहुंचे।
विधानसभा में सोमवार को विपक्ष ने सरकार पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब किसान नेता लांग मार्च पर अड़े रहे तो हमने किसानों की स्वास्थ्य और दूसरी सहूलियतों का पूरा इंतजाम किया। लोगों के लिए एंबुलेंस उपलब्ध थी। ट्रैफिक की समस्या न खड़ी हो इसलिए किसानों से अपील की गई थी कि वे सर्विस रोड के जरिए लांग मार्च निकाले। किसानों ने इसे स्वीकार कर लिया।
किसानों की मांग से सहमत
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे दलों की तरह हम भी किसानों की मांगों से सहमत हैं और सत्ता में होने के चलते हमें इसका समाधान निकालना होगा। इससे पहले विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने कहा कि हजारों की संख्या में महिलाएं, बच्चे और आदिवासी समाज के लोग 180 किलोमीटर पैदल चलकर मुंबई आने को मजबूर हुए क्योंकि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है। अगर पहले समिति बना दी जाती तो इसकी नौबत ही नहीं आती। विखेपाटील ने कहा कि हम पहले से संपूर्ण कर्जमाफी की मांग इसीलिए कर रहे थे कि शर्तें लगाए जाने के बाद कई किसान इससे बंचित रह जाएंगे और यही हो रहा है।
NCP के अजित पवार ने कहा कि किसानों ने जिस संयम से मोर्चा निकाला है उसकी तारीफ की जानी चाहिए। मुंबईकरों को परेशानी से बचाने के लिए किसान आधी रात को चलकर आजाद मैदान पहुंचे। वरिष्ठ विधायक गणपत गायकवाड ने कहा कि जब केंद्र सरकार वन कानून बना चुकी है तो उस पर अमल क्यों नहीं किया जा रहा है। शिवसेना के शंभूराजे देसाई ने कहा कि सरकार ने कर्जमाफी के लिए लोगों से ऑनलाइन फार्म भरने को कहा लेकिन आदिवासी इलाकों में जहां कंप्यूटर इंटरनेट ही नहीं है वहां के किसानों की क्या गलती है। उन्हें कर्जमाफी से क्यों वंचित किया जा रहा है।
सोलर चार्जर से मोबाइल चार्ज
मोबाईल फोन आज किस तरह आम से खास तक के जीवन की जरूरत बन चुकी है। इसका नजारा किसान मोर्चे में भी दिखाई दिया। नाशिक से पैदल मुंबई तक निकाले गए मोर्चें में शामिल किसानों को खाने, पीने समेत अन्य सुविधाएं तो मिल रही थी लेकिन रास्ते में मोबाइल चार्ज करना एक बड़ी समस्या थी। लेकिन नाशिक से लांग मार्च के लिए रवाना हुए किसान नथू उदार के पास इसका भी हल था। उदार अपने साथ सोलार पैनल लाए थे जिसके जरिए मोबाइल चार्ज कर वे लगातार अपने परिवार के साथ संपर्क में बने रहे। रास्ते में सोलार चार्ज होता रहे इसलिए उन्होंने इसे अपने सिर पर रखा हुआ था। नाशिक से मुंबई की सात दिन की यात्रा के दौरान उदार की इस तरकीब का फायदा मोर्चे में शामिल कई अन्य किसानों को भी हुआ।
किसानों के लिए विशेष ट्रेन
सरकार और किसानों के बीच मांगों पर सहमति बनने के बाद किसानों के वापस जाने के लिए सरकार के निवेदन पर मध्य रेलवे ने विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से भुसावल के लिए रात साढ़े आठ बजे और 10 बजे ये ट्रेने रवानी की गई। क्रमश: 13 और 18 डिब्बों ये ट्रेने पूरी तरह अनारक्षित थी।