दिव्यांगों के लिए बनाई योजनाओं पर नहीं होता अमल, हाईकोर्ट ने कहा यही सबसे बड़ी शिकायत  

दिव्यांगों के लिए बनाई योजनाओं पर नहीं होता अमल, हाईकोर्ट ने कहा यही सबसे बड़ी शिकायत  

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-23 15:12 GMT
दिव्यांगों के लिए बनाई योजनाओं पर नहीं होता अमल, हाईकोर्ट ने कहा यही सबसे बड़ी शिकायत  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार दिव्यांगों के कल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं की समीक्षा कर एक व्यापक नीति बनाए। अदालत ने कहा कि दिव्यांगो के लिए बनाई गई योजना का प्रभावी तरीके व तेजी से अमल न होना सबसे बड़ी शिकायत है इसलिए। सरकार इस पहलू को भी गंभीरता से देखे। जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस गिरीष कुलकर्णी की बेंच ने आल इंडिया हैंडीकेप्ट फाउंडेशन की ओर से दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। याचिका में मुख्य रुप से  मांग की गई है कि सभी स्थानीय निकायों को निर्देश दिया जाए कि वे अपने बजट की कुल राशि का तीन प्रतिशत हिस्सा विकलांगों के लिए आरक्षित रखें और उस राशि को दिव्यांगों के कल्याण के लिए बनाई जानेवाली योजनाओं में खर्च किया जाए। 

बड़े कदम उठाएगी सरकार 
सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है। पसर्न विथ डिसेबिलिटी कानून के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से अमल में लाया जाएगा और इसके लिए जरुरी कदम उठाया जाएगा। इस पर बेंच ने कहा कि दिव्यांगों के लिए बनाई गई कल्याणकारी योजनाओं का तेजी से अमल न होना सबसे बड़ी शिकायत है। इसलिए राज्य के महाधिवक्ता यह सुनिश्चित करे की दिव्यांगों के मामले देखनेवाले सभी महकमे समन्वय के साथ काम करे। ताकि दिव्यांगों के लिए बनाई गई योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके। बेंच ने कहा है कि सरकार ने दिव्यांगो को लेकर किस तरह की व्यापक नीति बनाई है इसकी जानकारी हमे अगली सुनवाई के दौरान दी जाए। बेंच ने फिलहाल इस प्रकरण की सुनवाई 25 जून तक के लिए स्थगित कर दी है।  
 

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