मक्का की नई किस्मों पर होगा शोध

मक्का की नई किस्मों पर होगा शोध

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-04 07:26 GMT
मक्का की नई किस्मों पर होगा शोध
हाईलाइट
  • इसके लिए प्रदेश सरकार के कृषि विभाग ने परभणी के वसंतराव नाईक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय को मंजूरी दी है।
  • औरंगाबाद के खुलताबाद तहसील के गल्ले बारेगांव की जमीन का इस्तेमाल मक्का फसल की नई किस्में लगाने और अनुसंधान के लिए होगा।
  • धान के बाद अब मक्का पर भी सरकार ने अनुसंधान करने की तैयारी की है ।

डिजिटल डेस्क, मुंबई । क्षेत्रवार किसानों के फसल उत्पादन को लेकर सरकार नें गंभीरतापूर्ण निर्णय लेना शुरू किया है। धान के बाद अब मक्का पर भी सरकार ने अनुसंधान करने की तैयारी की है । औरंगाबाद के खुलताबाद तहसील के गल्ले बारेगांव की जमीन का इस्तेमाल मक्का फसल की नई किस्में लगाने और अनुसंधान के लिए होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार के कृषि विभाग ने परभणी के वसंतराव नाईक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय को मंजूरी दी है। कृषि विभाग की तरफ से इससे संबंधित शासनादेश जारी किया गया है। इसके अनुसार खुलताबाद के तहसील बीज निर्माण केंद्र की जमीन में से कुछ क्षेत्र को मक्का फसल की नई किस्में लगाने और शोध के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा। शेष जगहों पर बीज उत्पादन कार्यक्रम और अन्य काम चालू रहेगा। इससे मक्का की उच्च क्वालिटी की फसल तैयार होगी।

उपलब्ध कराए जाएंगे संसाधन
मक्का की फसल पर अनुसंधान के लिए आवश्यक मानवसंसाधन, यंत्र सामग्री और अन्य जरूरी चीजें जिला कृषि अधीक्षक के जरिए कृषि विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराई जाएंगी। मक्का फसल पर शोध के लिए बीज की नई किस्में लगाने, देखभाल और निकालने का खर्च कृषि विश्वविद्यालय को करना पड़ेगा। खुलताबाद तहसील के गल्ले बारेगांव में 20.83 हेक्टेयर जमीन है। जिसमें बीज उत्पादन, केंचुआ खाद, किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम समेत अन्य काम किए जाते हैं।

उल्लेखनीय है सरकार ने धान उत्पादन बढ़ाने के लिए भी योजना तैयार की है। फलबाग योजना पर भी सरकार द्वारा जोर दिया जा रहा है। किसानों को बोगस बीजों से बचाने के लिए भी कृषि विभाग पर नकेल कसी जा रही है। नकली बीज और खाद बेचने वाले कई कृषि केन्द्रों पर भी दबिश दी गई है। किसानों को फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन भी किया जा रहा है इसके लिए शिविर भी लिए जा रहे हैं। किसानों से सरकारी योजना और मार्गदर्शन का लाभ लेने के लिए कर्मचारी जनजागरण भी कर रहे हैं।

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