बगैर गुनाह के काटनी पड़ी 7 साल की सजा, कोर्ट में लगाई पुनर्वास की गुहार
बगैर गुनाह के काटनी पड़ी 7 साल की सजा, कोर्ट में लगाई पुनर्वास की गुहार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बगैर किसी अपराध के रेप के आरोप जेल में सात साल की सजा भुगतने वाले नागपुर के गोपाल शेट्ये की ओर से पुनर्वास की मांग को लेकर दायर याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में गोपाल ने दावा किया है कि पुलिस ने उसे 2009 में गोपी से मिलते-जुलते नाम के चक्कर में रेप के मामले में गिरफ्तार किया था। फिर निचली अदालत ने उसे सात साल की सजा सुनाई जिसे साल 2015 में हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर हाईकोर्ट में दोबारा याचिका दायर
तब तक गोपाल जेल में सात साल की सजा काट चुका था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में इस मामले में पुलिस की जांच में कई खामियां पाई और गोपाल को निर्दोष पाया। अब गोपाल ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर हाईकोर्ट में दोबारा याचिका दायर की है। इससे पहले गोपाल ने हाईकोर्ट में मुआवजे की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। गोपाल ने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की तैयारी में जुटे है।
पिता को लगा गहरा सदमा
गोपाल ने अपनी नई याचिका में अदालत से अनुरोध किया है कि वह सरकार को निर्देश दे कि सरकारी योजना के तहत उसे और उसकी दो बेटियों का पुनर्वास करे। याचिका में गोपाल ने कहा है कि बिना किसी अपराध के जेल में बंद रहने के कारण उसे काफी मानसिक यातना का सामना करना पड़ा। इस मामले में मेरी गिरफ्तारी के चलते पिता को गहरा सदमा लगा जिससे उनकी मौत हो गई। उनकी पत्नी उन्हें व उनकी दोनों बेटियों को छोड़कर चली गई। इस झूठे मामले ने मेरी प्रतिष्ठा को बुरी तरह प्रभावित किया है।
सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश
गुरुवार को न्यायमूर्ति भूषण गवई और न्यायमूर्ति बीपी कुलाबावाला की खंडपीठ के सामने याचिका सुनवाई के लिए आई। इस दौरान गोपाल के वकील राजेश्वर पंचाल ने याचिका के बारे में जानकारी दी। इसके बाद खंडपीठ ने सरकारी वकील को एक सप्ताह के भीतर इस मामले में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।