25 फीसदी ब्याज का लालच देकर 50 लाख की ठगी, दंपति के खिलाफ मामला दर्ज
25 फीसदी ब्याज का लालच देकर 50 लाख की ठगी, दंपति के खिलाफ मामला दर्ज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। यशोधरा नगर में एक संस्था का काला कारनामा उजागर हुआ है। संस्था ने निवेश के नाम पर सैकड़ों निवेशकों को 50 लाख का चूना लगाकर संस्था बंद कर दिया। इस संस्था के खिलाफ शिकायत मिलने पर पुलिस दो साल तक जांच करती रही। अब इस प्रकरण में आरोपी दंपति और संचालक मंडल के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया गया है। पीड़ित महिला निवेशक सिंधु बबन पवार की शिकायत पर यशोधरा नगर पुलिस ने आरोपी किरण ठाकुर और उसके पति गणेश ठाकुर व साथियों के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया है।
लालच में आकर किया निवेश
पुलिस के अनुसार बम्बलेश्वरी नगर निवासी किरण ठाकुर (40) ने अपने पति गणेश प्रताप सिंह ठाकुर (52) के साथ मिलकर स्व. शांताबाई बहुउद्देशीय विकास नामक संस्था शुरू की। इसका कार्यालय पीली नदी परिसर में खोला गया। ठाकुर दंपति ने संचालक मंडल में अन्य पदाधिकारियों को शामिल किया। संस्था ने कम समय में निवेशकों से अच्छी-खासी रकम जमा कर ली। निवेशकों को लालच दिया जाता था कि संस्था में निवेश करने पर 25 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा। कई निवेशकों ने लालच में आकर संस्था में निवेश किया। इन निवेशकों में सिंधु बबन पवार (52), भिलगांव प्लाट नंबर एफ-14 शिवनगर ग्राम पंचायत, नागपुर निवासी ने करीब 96 हजार रुपए निवेश किया। शुरुआत में वादे के मुताबित संचालकों ने कार्य किया। उसके बाद उन्हें ब्याज न देना पड़े इसलिए संस्था की नई स्कीम में पैसे निवेश करा देते थे। इससे उन्हें हर माह ब्याज देेने की रकम से छुटकारा मिल जाता था। निवेशक को भी लगता था कि उसे हर माह पैसे जमा नहीं करने पड़ेंगे।
अपराध शाखा पुलिस करेगी जांच
सूत्रों ने बताया कि अब मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा पुलिस करेगी। फिलहाल आरोपियों के बारे में पुलिस के पास कोई सुराग नहीं है। पुलिस आरोपियों के बारे में पता लगा रही है। बता दें कि इस तरह के 14 मामले आर्थिक अपराध शाखा पुलिस विभाग के पास हैं।
6 साल पहले शुरू की थी संस्था
आरोपी किरण और गणेश ठाकुर ने 6 साल पहले संस्था शुरू की। किरन संस्था की अध्यक्ष थी और उसका पति गणेश ठाकुर संस्था का सचिव था। बंटी-बबली की इस जोड़ी ने यह कारनामा मई 2013 से सितंबर 2015 के बीच किया। उसके बाद कार्यालय बंद कर दिया। ठाकुर दंपति और संस्था के संचालक मंडल में शामिल अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ यशोधरा नगर थाने में वर्ष 2016-17 में शिकायत की गई। अब तक करीब 25 निवेशक पहुंचकर शिकायत कर चुके हैं। संस्था में करीब 300 निवेशकों ने निवेश किया है।
समझ नहीं पाए निवेश
आरोपियों की यह चाल थी, जिसे निवेशक समझ नहीं पाए। जब तक निवेशकों को इनकी करतूतों के बारे में पता चला, तब तक काफी देर हो चुकी थी। आरोपी संस्था बंद कर गायब हो चुके थे। सिंधु पवार की तरह कई निवेशक संस्था में करीब 49 लाख 51 हजार 200 रुपए निवेश कर चुके थे। संस्था की अध्यक्ष किरन ठाकुर और उसका पति गणेश गायब होने से पहले कार्यालय में आना-जाना कम कर दिए थे। जब उनके कार्यालय में लेनदारों की भीड़ बढ़ने लगी, तब संस्था का कार्यालय बंद कर सभी आरोपी गायब हो गए। सिंधु पवार की शिकायत पर यशोधरा नगर पुलिस ने मामले को इंक्वायरी में रख दिया। दो साल जांच चली। इस दौरान थाने के कई थानेदार बदल गए। नवनियुक्त थानेदार नागेश मोहिते ने अंतत: मामले की जांच पूरी कर आरोपियों के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया है।