फर्जी अधिकारी बन करता था ठगी, नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगारों को लगाई लाखों की चपत
फर्जी अधिकारी बन करता था ठगी, नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगारों को लगाई लाखों की चपत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल का फर्जी अधिकारी पुलिस के हाथ लगा है। उसने व्यापारी को जहां फर्जी प्रमाणपत्र थमाया, वहीं कई बेरोजगारों को नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपए से चपत लगाई है। अदालत में पेश कर उसे 18 तक पीसीआर में लिया गया है। आरोपी प्रशांत भाऊराव वाहने (35) भंडारा निवासी है। गुरुवार को पुलिस ने उसके निवास स्थान पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार किया गया।। स्लोबल एरोथमिस नामक कारखाना के संचालक राधारमण लाहोटी को प्रशांत ने खुद काे अधिकारी बताकर उनसे 40 हजार रुपए लिया और प्रदूषण नियंत्रण मंडल का फर्जी प्रमाणपत्र थमा दिया। प्रमाणपत्र पर अधिकारी के हस्ताक्षर और कार्यालय की मुहर भी लगी है। मंडल के प्रादेशिक अधिकारी राहुल वानखेड़े की शिकायत पर सदर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है।
फर्जी प्रमाणपत्र भी देता था बनाकर
मिली जानकारी अनुसार पुलिस ने भंडारा से गिरफ्तार कर प्रशांत को नागपुर ले आई। जांच के दौरान आरोपी के बारे में गंभीर खुलासा हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल में पकड़ होने का झांसा देकर उसने कई बेरोजगारों को नौकरी लगाने का आश्वासन दिया। इसके बदले किसी से तीन, किसी से चार लाख रुपए भी लिए। अभी तक 3 बेरोजगारों ने नौकरी के नाम पर ठगे जाने की शिकायत की है। निरीक्षक महेश बंसोडे ने बताया कि आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है। फर्जी प्रमाणपत्र की जांच होना बाकी है।
कामकाज की रखता है जानकारी
बताया जाता है कि करीब दो-तीन साल पहले प्रदूषण नियंत्रण मंडल में किसी सॉफ्टवेयर का काम किया गया था। इसका ठेका जिस निजी कंपनी को दिया गया था, उस कंपनी की ओर से प्रशांत काम करने आता था। इस दौरान मंडल के कई अधिकारी और कर्मचारियों से उसकी जान-पहचान हो गई। कार्यालय का काम किस तरह होता है, इसकी भी उसे पूरी जानकारी थी। कुछ लोग उसे कार्यालय का कर्मचारी समझने लगे थे, जिसकी वजह से उसने धोखाधड़ी को अंजाम दिया।