ITI में धूल खा रहा करोड़ों का सामान, नागपुर सहित चार संस्थान इस्तेमाल नहीं कर सके निधि

ITI में धूल खा रहा करोड़ों का सामान, नागपुर सहित चार संस्थान इस्तेमाल नहीं कर सके निधि

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-29 12:39 GMT
ITI में धूल खा रहा करोड़ों का सामान, नागपुर सहित चार संस्थान इस्तेमाल नहीं कर सके निधि

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक ओर निधी के अभाव में सरकारी योजनाएं अटकी पड़ी रहती हैं दूसरी ओर गैरजरूरी सामान खरीदकर करोड़ों रुपए पानी में बहाने के भी मामले सामने आ रहे हैं। नागपुर समेत राज्य की चार आईटीआई ने करीब चार करोड़ रुपए के साजो सामान खरीदें हैं जो धूल फांक रहे हैं। यही नहीं  नागपुर, अमरावती, औरंगाबाद और नाशिक आईटीआई सरकार द्वारा जारी की गई निधी का 44 फीसदी हिस्सा इस्तेमाल ही नहीं कर पाए। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक नागपुर, अमरावती, नाशिक और औरंगाबाद आईआईटी के लिए 3 करोड़ 99 लाख के सामान खरीदे गए जो बेकार पड़े हैं क्योंकि आईटीआई के जिस ट्रेड के लिए सामान खरीदे गए वे शुरू ही नहीं किए जा सके। दरअसल महाराष्ट्र सरकार के सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग ने एक योजना तैयार की थी जिसके तहत 2006 में पिछड़े वर्ग और नवबौद्धों के लिए छह आईटीआई खोलने की मंजूरी दी गई थी।

 नागपुर सहित चार संस्थान इस्तेमाल नहीं कर सके निधि

मुंबई, पुणे, नाशिक, औरंगाबाद, अमरावती और नागपुर में खुलने वाले इन आईटीआई को निदेशक व्यवसायिक शिक्षा व प्रशिक्षण विभाग मुंबई के जरिए चलाया जाना था। सरकार ने यहां से 12 ट्रेड में शिक्षा की मंजूरी दी थी। हर ट्रेड में 16 विद्यार्थियों को पढ़ाने की इजाजत थी लेकिन आईटीआई शुरू करने के लिए केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाले महानिदेशक रोजगार एवं प्रशिक्षण से एफिलिएशन (संबंधन) जरूरी था। साल 2012 के बाद रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय से मंजूरी भी जरूरी हो गई। नए नियमों के तहत इलाका, बिजली सप्लाई और श्रमशक्ति से जुड़ी शर्तें भी पूरी करनी होती हैं। शर्तें पूरी न कर पाने के चलते आईटीआई में 12 की जगह दो से चार ट्रेड ही शुरू हो पाए और इसके लिए पहले से खरीद लिए गए सामान धूल फांक रहे हैं। कैग को भेजे जवाब में नवंबर 2015 में आईटीआई इंदोरा, नागपुर के प्रिंसिपल ने जानकारी दी है कि 1 करोड़ 16 लाख की मशीनें स्टोर में रखी गईं हैं। दूसरी जगहों से कोई जवाब नहीं मिला। महाराष्ट्र सरकार ने इस उत्तर देना जरूरी नहीं समझा। 

44 फीसदी रकम नहीं हुई खर्च

कैग रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि छह आईटीआई में से चार यानी नागपुर, नाशिक, अमरावती, औरंगाबाद के लिए के लिए साल 2011-12 से 2015-16 के लिए कुल 23.26 करोड़ रुपए दिए गए थे लेकिन इसमें से 13.04 करोड़ रुपए ही खर्च किए जा सके।   


आईटीआई             शुरू नहीं हो पाए ट्रेड             सामान पर खर्च  
नागपुर                         10                             3.60 करोड़
अमरावती                      08                            0.09 करोड़
नाशिक                         09                             0.13 करोड़
औरंगाबाद                     08                             0.17 करोड़
कुल                              35                             3.99 करोड़
 

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