साइंस और अंग्रेजी को आसान बनाने सरकार की नई कवायद

साइंस और अंग्रेजी को आसान बनाने सरकार की नई कवायद

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-24 07:50 GMT
साइंस और अंग्रेजी को आसान बनाने सरकार की नई कवायद

डिजिटल डेस्क, मुंबई । शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार नए-नए प्रयोग की ओर कदम बढ़ा रही है। इसी कड़ी में अब साइंस और अंग्रेजी  को जोड़ा गया है।  राज्य की  आदिवासी आश्रमशालाओं में सबसे पहले साइंस विषय पर प्रयोग किया जाएगा। आश्रमशाला में विद्यार्थी अब विज्ञान विषय को केवल पढ़ेंगे हीं बल्कि प्रयोग कर उसके बारे में जानेंगे। किसी भी सब्जेक्ट को प्रैक्टिकल पढ़ाने से उसके रिजल्ट अच्छे आते हैं। इस बात पर अमल करते हुए  राज्य सरकार ने सबसे पहले विज्ञान विषय को चुना है।  गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए निजी संस्था की मदद ले रही है। 

एकलव्य फाउंडेशन की मदद

सरकार ने एकलव्य फाउंडेशन के सहयोग से आश्रमशालाओं में विज्ञान के प्रैक्टिकल के लिए उपकरण उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इसके तहत अमरावती विभाग की 78 आश्रमशालाओं के कक्षा 5 वीं से 8 वीं तक के विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल किट दिया जाएगा। गुरुवार को आदिवासी विकास विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया- आदिवासी विकास विभाग ने अमरावती में इस प्रोग्राम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाने का फैसला लिया है।  

अगले साल से लागू होगा प्रोग्राम

आगामी शैक्षणिक सत्र में जून से राज्य के 400 आदिवासी आश्रमशालाओं में यह प्रोग्राम लागू हो जाएगा।
अगले तीन साल तक चलेगा प्रोग्राम । 
प्रोग्राम को लागू करने के लिए पहले अमरावती विभाग के आश्रमशालाओं के विज्ञान विषय के शिक्षकों को 23 दिसंबर से ट्रेनिंग दी जाएगी। 
छात्रों की विज्ञान में रुचि बढ़ाने की पहल।

अंगरेजी सुधारने के भी प्रयास

इसके अलावा विद्यार्थियों में अंगरेजी विषय की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार ने कराडी पथ संस्था से करार किया है। नंदूरबार और पालघर के 123 आश्रमशालाओं में अंगरेजी विषय की गुणवत्ता पर जोर दिया जाएगा। कराडी पथ के प्रोग्राम को  तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और गोवा में लागू किया जा चुका है। राज्य में 500 सरकारी और 546 अनुदानित आश्रमशालाएं हैं। 

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