फिर सामने आई खामियां, लॉ के एग्जाम में बदला प्रश्नपत्र का नाम
फिर सामने आई खामियां, लॉ के एग्जाम में बदला प्रश्नपत्र का नाम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी की शीतकालीन परीक्षाएं जारी हैं। मंगलवार को तीन वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम की परीक्षा थी, जिसमें विद्यार्थियों को गलत नाम वाला प्रश्नपत्र दिया गया। विद्यार्थियों के अनुसार उनके पाठ्यक्रम में "क्रिमिनल प्रोसिजर कोड, प्रोबेशन ऑफेंडर्स एक्ट और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट" विषय है। मंगलवार को इसकी परीक्षा थी, लेकिन उनके हॉल टिकट और प्रश्नपत्र में इस नाम का पेपर था ही नहीं, वहां कोई दूसरा ही विषय छपा था। विद्यार्थियों के अनुसार उन्होंने जान-बूझ कर पर्यवेक्षक को इसकी जानकारी नहीं दी और समान प्रश्नों के आधार पर पेपर हल किया।
परीक्षा विभाग बार-बार गलती कर रहा
विद्यार्थियों के अनुसार, पिछली परीक्षाओं में उनके कई ऐसे कड़वे अनुभव हैं, जब प्रश्नपत्र या परीक्षा से जुड़ी कोई चूक या शिकायत करने पर विवि की ओर से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ती है। पिछली परीक्षा में महज 16 प्रतिशत विद्यार्थी पास हो सके थे। वहीं ग्रीष्मकालीन परीक्षाओं में 300 मंे से महज 50 विद्यार्थी पास हुए थे। विद्यार्थियों के अनुसार विवि के परीक्षा विभाग की ओर से बार-बार इस प्रकार की गलतियां हो रही हैं। यहां तक कि विवि द्वारा जारी हॉल टिकटों मंे भी पेपर के सामने तारीख नहीं लिखी होती। इसके कारण ही सारा भ्रम होता है।
यूनिवर्सिटी ने लिया आर्थिक रूप से कमजोर दो बहनों की मदद का फैसला
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने आर्थिक रूप से कमजोर दो छात्राओं को आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया है। विवि के अंग्रेजी विभाग के प्रथम सेमिस्टर की छात्रा कांचन राऊत और उनकी बहन व इतिहास विभाग के प्रथम सेमिस्टर की छात्रा पंजस्थिला राऊत को विश्वविद्यालय ने हॉस्टल की फीस और हॉस्टल से कैंपस तक आने जाने का खर्च देने का फैसला किया है। दरअसल, आर्थिक तंगहाली के चलते इन छात्राओं को अपनी पढ़ाई जारी रखने में परेशानी हो रही थी। मूल रूप से मनसर की निवासी इन दो बहनों को शहर के वेरायटी चौक से विवि के कैंपस तक पैदल चल कर आना पड़ रहा था। किराए के 22 रुपए भी उनके पास नहीं थे। वहीं उन्हें यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में भी कुछ कारणों से प्रवेश नहीं मिल पाया। समाचार पत्रों द्वारा इस विषय को उठाने के बाद बीते दिनों हुई विवि की सीनेट की बैठक मंे भी यह मुद्दा उठा था, जिसके बाद नागपुर विवि ने उनकी आर्थिक मदद का फैसला लिया। विवि ने छात्राओं को अपने हॉस्टल मंे प्रवेश दिया, साथ ही मई 2020 तक उनके हॉस्टल से बस का किराया भी वहन करने का निर्णय लिया है।