अब राज्य के टोलनाकों की निगरानी के लिए तैयार होगा सरकारी उड़नदस्ता
अब राज्य के टोलनाकों की निगरानी के लिए तैयार होगा सरकारी उड़नदस्ता
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में टोलनाका संचालकों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए उनपर निगरानी रखने प्रदेश सरकार के सार्वजनिक निर्माण कार्य - सार्वजनिक उपक्रम (एमएसआरडीसी) की तरफ से हर टोलनाके पर पांच कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के एमएसआरडीसी मंत्री एकनाथ शिंदे ने यह घोषणा की। मंत्री शिंदे ने कहा कि टोलनाकों पर औचक निरीक्षण के लिए सेवानिवृत्त पुलिस उपआयुक्त (परिवहन) के नेतृत्व में एक उड़न दस्ता तैयार किया जाएगा। सदन में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य भाई गिरकर ने टोलनाकों पर वाहन चालकों को होने वाली समस्याओं को लेकर सवाल पूछा था। गिरकर ने कहा कि टोलनाकों पर लंबी कतार लगने के बाद गाड़ियां पीली लाइन पार कर जाती हैं। नियमों के अनुसार पीली लाइन के बाहर वाली गाड़ियों से टोल वसूला नहीं वसूला जाना चाहिए। लेकिन टोल चालक मनमानी करते हुए टोल वसूलते हैं। इस पर शिंदे ने कहा कि टोलनाकों पर निगरानी के लिए कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। यह कर्मचारी टोलनाकों पर परिवहन व्यवस्था को सुचारू करने में मदद करेंगे। इस दौरान एक सवाल के जवाब में शिंदे ने कहा कि जिन टोल नाकों की वसूली पूरी हो चुकी है। ऐसे टोलनाकों की वसूली बंद करने के बारे में फैसला लेने के लिए एक समिति गठित की जाएगी। यह समिति एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। शिंदे ने कहा कि हर टोलनाके पर टोल वसूली के लिए अलग-अलग करार हुए हैं। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार अंतिम फैसला लेगी।
परभणी जिलाधिकारी की रिपोर्ट का अध्ययन कर होगी कार्रवाई
परभणी में केबल बिछाने के लिए रिलायंस जिओ कंपनी की तरफ से जमीन की अवैध खुदाई कर सरकार को रॉयल्टी न देने के मामले की जांच से जुड़ी रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्राप्त हो चुकी है। सरकार इस रिपोर्ट का अध्ययन करके संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। साथ ही रिलायंस कंपनी से सरकार को हुए राजस्व नुकसान की वसूली की जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह जानकारी दी। प्रश्नकाल में राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य अब्दुल्लाखान दुर्राणी ने इस बारे में सवाल पूछा था। दुर्राणी ने कहा कि परभणी में रिलायंस ने 600 किमी की खुदाई कर अवैध गौण खनिज का उत्खनन किया है। इससे सरकार का राजस्व डूबा है। इस दौरान विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि रिलायंस ने ठाणे, पुणे सहित कई जिलों में जमीन की खुदाई की है। इससे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। इसके जवाब में पाटील ने कहा कि जमीन खुदाई के लिए रॉयल्टी न वसूलने के बारे में केंद्र सरकार ने एक नया कानून बनाया है। इसके आधार पर राज्य सरकार ने नियम तैयार किया है। लेकिन परभणी में रिलायंस का मामला पुराना होने के कारण उस पर कार्रवाई होगी। इस पर मुंडे ने कहा कि सरकार ने घाटे का बजट पेश किया है। सरकार के पास पैसे नहीं है। दूसरी ओर सरकार निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह फैसला ले रही है। इससे सरकार के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
नंदुरबार नपा की नई इमारत के लिए जमीन आवंटन का फैसला जल्द
नंदूरबार नगरपालिका कि नई प्रशासकीय इमारत बनाने के लिए सरकार की तरफ से जमीन आवंटित करने के बारे में अंतिम फैसला विधान मंडल के बजट सत्र के समापन से पहले ले लिया जाएगा। विधान परिषद में प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह आश्वासन दिया। प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य चंद्रकांत रघुवंशी ने इस बारे में सवाल पूछा था। रघुवंशी ने कहा कि नंदूरबार नगर पालिका ने प्रशासकीय इमारत के लिए सरकार से जगह मांगी है। नगर पालिका ने जगह के लिए सरकार को 1 करोड़ 61 लाख रुपए भी दिए हैं। इसके बावजूद प्रदेश के राजस्व राज्य मंत्री संजय राठोड ने जमीन आवंटन के फैसले को रद्द कर दिया है। रघुवंशी ने दावा किया कि नंदूरबार की सांसद हिना गावित के परिजनों की अपील पर राज्य मंत्री ने जमीन रद्द करने का निर्णय लिया है। राज्य मंत्री के फैसले के विरोध में नगर पालिका बाम्बे हाईकोर्ट भी गई है। हाईकोर्ट ने सरकार के राजस्व विभाग के प्रधान सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव को जमीन की अपील पर सुनवाई का आदेश दिया है। लेकिन अभी तक प्रधान सचिव ने अंतिम फैसला नहीं लिया। कांग्रेस सदस्य हुस्नबानू खलिफे ने कहा कि नगर पालिका के पास जगह नहीं है इस लिए नगर पालिका का कामकाज अस्पताल परिसर से चल रहा है।