महाराष्ट्र के समुद्र से गायब हो गई मछलियां ! यह है बड़ा कारण

महाराष्ट्र के समुद्र से गायब हो गई मछलियां ! यह है बड़ा कारण

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-24 11:31 GMT
महाराष्ट्र के समुद्र से गायब हो गई मछलियां ! यह है बड़ा कारण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राजधानी सहित कोकण इलाके कि सागर पट्टी में लाखों लोग मछली पकड़ने के रोजगार से जुड़े हैं। लेकिन पिछले तीन महीनों से यहां से मछलियां गायब हो गई है। इसके चलते अगले कुछ दिनों में खारे पानी वाली मछली के लिए लोगों  को ज्यादा जेब हलकी करनी पड़ सकती है। राज्य के मत्स्त्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार पिछले कई वर्षों से गोवा, गुजरात, कर्नाटक व केरल के मछुआरे महाराष्ट्र के समुद्र क्षेत्र में अवैध रुप से मछली मारते रहते हैं। इसके बावजूद राज्य में खारे पानी वाली मछली की इतनी कमी नहीं हुई थी।

अधिकारी ने बताया कि मछुआरे इस बात को लेकर परेशान हैं कि आखिर यहां की मछलियां गई कहां। मुंबई सहित कोकण के करीब 22 लाख लोगों की रोजी-रोटी मछली पकड़ने पर निर्भर है। मछली पकड़ने वाली बड़ी बोट के एक बार समुद्र में उतारने पर डिजल-जनरेटर व कर्मचारियों की मजदूरी पर करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च होते हैं। इसके बावजूद जब भरपुर मात्रा में मछली नहीं मिलती तो आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। 

पर्सिसन जाल में फंस रही है मछलियां 
महाराष्ट्र राज्य मछलीमार संघ के अध्यक्ष रामदास संदे कहते हैं कि करीब 11 हजार मशीनी बोट में आधी से ज्यादा समुद्र में नहीं भेजी जा रही हैं। संदे ने कहा कि पर्ससिन जाल से मछली मारने से भी काफी नुकसान हो रहा है। पर्सिसन जाल में बड़ी मछलियों के साथ-साथ छोटी मछलियां भी फंस जाती हैं। इससे बाद बड़ी मछलियां मिलने में मुश्किल होती है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से रात में लाईट का इस्तेमाल कर पर्सिसन जाल से मछली पकड़ी जा रही है। मछलियों की कमी का एक कारण यह भी है।

उन्होंने कहा कि साथ ही समुद्र में बढ़ते प्रदूषण का भी असर है। शहरों के गंदे पानी, प्लास्टिक आदि कचरे समुद्र के हवाले किए जा रहे हैं। अरुण विधले मत्स्य आयुक्त के मुताबिक पर्सिसन नेट और एलईडी लाईट के इस्तेमाल की वजह से मछलियों के उत्पादन में कमी आई है। सरकार अवैध और चोरी से मछलीमारने की घटनाओं को रोकने की कोशिश कर रही है।

                               
                                   

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