मेडिकल कॉलेज के ड्यूटी डॉक्टर रूम में लगी आग
धुआँ देख मची चीख-पुकार, मौके पर पहुँचे दमकल की गाडिय़ों ने आग पर पाया काबू मेडिकल कॉलेज के ड्यूटी डॉक्टर रूम में लगी आग
डिजिटल डेस्क जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में एक वार्ड के ड्यूटी डॉक्टर रूम में आग लगने से हड़कम्प की स्थिति बन गई। तेजी से धुआँ उठा तो मरीजों और परिजनों के बीच चीख-पुकार मच गई। अफरा-तफरी के माहौल के बीच परिजन अपने-अपने मरीज को लेकर बाहर निकलने लगे। आग लगने का शोर जब दूसरे वार्डों तक पहुँचा तो सुरक्षा गार्ड मौके पर पहुँचे। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और सुरक्षागार्डों ने अस्पताल में लगे अग्निशमन यंत्रों की मदद से आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक ड्यूटी डॉक्टर रूम में बिस्तर समेत काफी कुछ जल चुका था। दूसरी ओर धुआँ भरने से दम घुटने जैसी स्थिति निर्मित होने लगी, ऐसे में तेजी से मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कराया गया। वार्ड की खिड़कियाँ खोली गईं, ताकि धुआँ बाहर निकल सके। दमकल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस कंट्रोल रूम से शाम 6:20 बजे आग लगने की सूचना मिली थी, जिसके बाद दमकल की दो गाडिय़ाँ मौके पर रवाना की गईं, हालांकि जब तक गाडिय़ाँ पहुँचतीं, आग पर काबू पा लिया गया था। पानी गर्म करने वाली इलेक्ट्रिक रॉड में शॉर्ट सर्किट होने के चलते आग लगने की बात प्रारंभिक रूप से सामने आई है।
आँखों देखी... धुआँ उठते देख खुलवाया दरवाजा
मौके पर मौजूद पाटन थाने के पुलिसकर्मी हेमेंद्र यादव और रामगोपाल कुर्मी ने बताया कि वे वार्ड में इलाजरत मुलजिम की सुरक्षा में ड्यूटी कर रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि ड्यूटी डॉक्टर रूम की खिड़की से धुआँ निकल रहा था। कमरे का दरवाजा बाहर से बंद था, ऐसे में मौके पर मौजूद महिला चिकित्सक को बुलवाकर गेट खुलवाया। देखा तो बेड पर गद््दा जल रहा था और डॉक्यूमेंट्स भी जल रहे थे। नजदीक ही उपलब्ध फायर एक्सटिंग्विशर से आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन उससे न के बराबर गैस निकली। इसके बाद पानी की बाल्टियोंं से आग बुझाई। रूम की खिड़की भी तोड़ी। इस बीच अस्पताल के स्टाफ, सिक्योरिटी गाड्र््स और परिजनों ने मरीजों को निकालकर बाहर किया। वार्ड की खिड़कियाँ खोली गईं, ताकि धुआँ बाहर जा सके।
40 मरीज भर्ती थे
जानकारी के अनुसार आग तीसरे फ्लोर में जनरल सर्जरी वार्ड नंबर-14 स्थित ड्यूटी डॉक्टर रूम में लगी थी, उस वक्त वार्ड में 40 मरीज भर्ती थे। मरीजों को बर्न वार्ड में शिफ्ट किया गया। कई लोग इस दौरान अपने मरीज को खोजते भी नजर आए, क्योंकि वे आग लगने के वक्त वहाँ नहीं थे, किसी काम से वार्ड के बाहर गए हुए थे। अफरा-तफरी के माहौल के बीच नजदीक के वार्डों में भर्ती मरीज भी घबरा गए।
हो सकती थी बड़ी अनहोनी
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग कमरे से बाहर निकलती तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी, क्योंकि वार्ड से आने-जाने का एक ही निकास है। ऐसे में मरीज और परिजन अंदर फँस सकते थे। मोक्ष संस्था के सदस्य भी मौके पर पहुँचे और बचाव कार्य में सहयोग किया।
जाँच के बाद सामने आएगी जानकारी
आग लगने का प्रारंभिक कारण शॉर्ट सर्किट सामने आया है। पीडब्ल्यूडी की जाँच के बाद ही विस्तृत जानकारी सामने आ सकेगी। घटना के बाद सभी मरीज सुरक्षित हैं। मरीजों को बर्न वार्ड में शिफ्ट करा दिया गया है।
-डॉ. अरविंद शर्मा, अधीक्षक एनएससीबी मेडिकल कॉलेज