नियोगी की लेदरा खदान में अंतत: एसडीएम और तहसीलदार
सतना नियोगी की लेदरा खदान में अंतत: एसडीएम और तहसीलदार
डिजिटल डेस्क, सतना। माइनिंग और पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन के आरोपों के चलते सुर्खियों में आई नियोगी एंड संस की लेदरा खदान में बुधवार को मझगवां के एसडीएम पीएस त्रिपाठी के नेतृत्व में राजस्व टीम ने दबिश दी। तहसीलदार नितिन झोंड़ भी साथ में थे। राजस्व टीम ने कारीगोही पहुंच कर उस खदान क्षेत्र का भी स्थल निरीक्षण किया जहां निजी और शासकीय भूमियों में अंधाधुंध अवैध उत्खनन की शिकायतें मिली थीं। औचक निरीक्षण की शुरुआत लेदरा खदान से हुई।
न सुरक्षा के प्रबंध न पर्यावरण की परवाह :-----
लेदरा खदान के स्थल निरीक्षण के दौरान एसडीएम-तहसीलदार और उनकी राजस्व टीम ने पाया कि मझगवां तहसील के सिलौरा पटवारी हल्के में १६.१९६ हेक्टेयर पर संचालित जैतवारा के अशोक नियोगी की खदान में न माइनिंग नियमों का पालन किया जा रहा है और न ही संचालक पर्यावरणीय कानून कायदों की ही चिंता है।
खदान क्षेत्र में न ग्रीन बेल्ट मिला और न ही ट्रंच लाइन वर्क पाया गया। सुरक्षा उपायों के प्रति गंभीरता नहीं मिली। सड़क पर धूल ही धूल थी।
फैक्ट फाइल
नियोगी एंड संस
संचालक अशोक नियोगी
मझगवां तहसील
सिलौरा पटवारी हल्का -लेदरा
१६.१९६ हेक्टेयर
लेटेराइट,ओकर और व्हाइट क्ले
स्वीकृति : १५ अगस्त १९७८
आराजी नंबर १४९/८८
शासकीय पहाड़ राजस्व
नवीनीकरण : १७ अप्रैल २०१८ से ३१ मार्च २०२५
वार्षिक उत्खनन क्षमता : ४ लाख ६५ हजार टन
अवैध उत्खनन के लिए दिए थे एक लाख :-
लेदरा खदान के निरीक्षण के बाद राजस्व टीम कारीगोही पहुंची। टीम ने आराजी नंबर ८३९ के ६ .७६१ हेक्टेयर में संचालित लेटेराइट और ओकर की अभिनव अग्रवाल के उस खदान एरिया का निरीक्षण किया जिससे लगी निजी और शासकीय भूमि में उत्खनन की हाल ही में शिकायत हुई थी। शिकायत खदान संचालक अभिनव अग्रवाल ने एसडीएम, जिला खनिज कार्यालय एवं धारकुंडी थाने में की थी। पूछताछ में भू स्वामी कमलेश साकेत ने राजस्व टीम को बताया कि उसके खेत में उत्खनन के लिए रामजी पयासी ने एक लाख रुपए दिए थे। तीन दिन की खुदाई में ४० ट्रक लेटेराइट निकाला गया। इसी स्थल से कुछ फासले पर डिठौरा रोड पर कारीगोही के शासकीय तालाब में भी अवैध उत्खनन पाया गया।