अंतत: डबल लॉक तोड़ कर वेयर हाउस में शिफ्ट की गईं 561ईवीएम
सतना अंतत: डबल लॉक तोड़ कर वेयर हाउस में शिफ्ट की गईं 561ईवीएम
डिजिटल डेस्क सतना। एमपी हाईकोर्ट में दायर नागौद के कांग्रेस के पूर्व विधायक यादवेन्द्र सिंह की याचिका खारिज होने के बाद एक्सीलेंस स्कूल के स्ट्रांग रुम दिसंबर २०१८ से सुरक्षित ५६१ इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम ) और ३०२ वीवीपैट सोमवार को वेयर हाउस में शिफ्ट कर दी गईं। प्रत्यक्षदिर्शयों ने बताया कि एक्सीलेंस स्कूल व्यंकट नंबर वन के एक कमरे में कैद ईवीएम को बाहर निकालने के लिए डबल लॉक तोडऩे पड़े। असल में तमाम कोशिशों के बाद भी जब चाबी नहीं मिली तो नागौद के एसडीएम एवं रिटर्निंग आफीसर एसडीएम धर्मेद्र सिंह और राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ताले तोडऩे पड़े।
क्यों आई ये नौबत :-----
जानकारों ने बताया कि जिले में विधानसभा चुनाव वर्ष २०१८ में हुए थे। दिसंबर में मतगणना हुई। मतगणना के घोषित परणिामों में नागौद विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक यादवेन्द्र सिंह १२३५ मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे। भाजपा के नागेन्द्र सिंह को ५४ हजार ६३७ और यादवेन्द्र सिंह को ५३ हजार ४०२ वोट मिले थे। मतों की गिनती में दूषित प्रक्रिया अपनाने के आरोप लगाते हुए यादवेन्द्र सिंह ने एमपी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। याचिका खारिज होने के बाद एक्सीलेंस स्कूल के एक कक्ष में सुरक्षित २८१ बैलेट यूनिट, २८० कंट्रोल यूनिट और ३०२ वीवीपैट को ईवीएम वेयर हाउस में शिफ्ट करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। डबल लॉक को खोलने के लिए जब चाबियों की तलाश शुरु हुई तो तमाम कोशिशों के बाद भी चाबियां नहीं मिलीं। असल में तब से अब तक नागौद के ४ एसडीएम (रिटर्निंग आफीसर) बदल चुके हैं। अंतत: नियमों के तहत ताले तुड़वाए गए।
फिलहाल एक कमरे की राहत :-
लोकसभा और विधानसभा के चुनावी चक्करों में एक्सीलेंस स्कूल व्यंकट वन के
के अभी भी १३ कमरे फंसे हुए हैं। जबकि नागौद चुनाव की याचिका खारिज होने के बाद सोमवार को एक कमरा खाली करा लिया गया। उल्ल्लेखनीय है, मई २०१९ में हुए लोकसभा चुनाव की सभी ७ विधानसभा सीटों की ईवीएम और वीपीपैट अभी इसी स्कूल के ८ कमरों में सुरक्षित हैं। कांग्रेस प्रत्याशी राजाराम त्रिपाठी ने मतगणना को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसी प्रकार शेष ५ कमरों में रैगांव विधानसभा उप चुनाव की ईवीएम और वीवीपैट सुरक्षित किए गए हैं। नवंबर २०२१ में मतगणना हुई थी। आपत्तियों को देखते हुए नियमों के तहत ४५ दिन तक इन्हें स्ट्रांग रुम में सुरक्षित रखना अनिवार्य है। सूत्रों ने बातया कि अवधि पूरी हो जाने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय ने इस सिलसिले में राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिख कर इन्हें वेयर हाउस में शिफ्ट करने की अनुमति मांगी है, फिलहाल जवाब नहीं आया है। इस तरह से एक्सीलेंस स्कूल के १३ कमरे अभी भी फंसे हुए हैं।