हाथीपांव उन्मूलन दी जाएगी ट्रिपल ड्रग थेरेपी
हाथीपांव उन्मूलन दी जाएगी ट्रिपल ड्रग थेरेपी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाथीपांव प्रतिबंधक औषधि ट्रिपल ड्रग्ज थेरेपी दो वर्ष से कम उम्र के बाल और गर्भवती माता छोड़ शहर के सभी नागरिकों को दी जाएगी। इसें आयवरमेक्टीन, डीईसी व एलबेडैजॉल गोलियों का समावेश है। महापौर संदीप जोशी व विधायक कृष्णा खोपड़े की उपस्थिति में गांधीबाग उद्यान में मुहिम का शुभारंभ किया गया। हाथीपांव विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर नागरिकों को गोलियों का वितरण करेंगे। सभी से गोलियों का सेवन करने की अपील महापौर ने की।
इस अवसर पर नगरसेवक प्रवीण दटके, दयाशंकर तिवारी, श्रद्धा पाठक, गांधीबाग जोन सभापति वंदना यंगटवार, उपस्थित थे। सभी जोन में अभियान शुरू किया गया। उपमहापौर मनीषा कोठे, जोन सभापति संमिता चकोले, गार्गी चोपरा, स्वास्थ्य समति सभापति वीरेंद्र कुकरेजा, विधि समिति सभापति एड. धर्मपाल मेश्राम, नगरसेवक प्रफुल्ल गुड़धे, राजेश घोड़पागे, महेंद्र धनविजय, संजय बुर्रेवार, नरेंद्र वालदे, नेहा वाघमारे, सरला नायक, अाशा उईके, प्रमिला मंथरानी, सुषमा चौधरी, ममता सहारे, रश्मी उके आदि ने अपने-अपने जोन में उपस्थिति दर्ज की।
कांग्रेस काे मजबूत करने की कवायद , वार्ड स्तर पर तैयारी में जुटे प्रमुख दल
महानगरपालिका के लिए एक वार्ड से एक नगरसेवक चुनने के सरकार के निर्णय का असर राजनीतिक दलों की चुनाव तैयारी पर पड़ रहा है। सभी प्रमुख दल अपने अपने तरीके से वार्ड स्तर पर संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं। इस कड़ी में कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी तेज की है। वार्ड व ब्लाक कमेटियों के पुनर्गठन के साथ ही नियमित कार्यों की समीक्षा के लिए योजना तैयार की जा रही है। सभी गुट के नेताओं के समर्थक कार्यकर्ताओं के अलावा नये उभरते राजनीतिक चेहरों के बीच चुनाव तैयारी संबंधी समन्वय चर्चा होने लगी है।
गौरतलब है कि भाजपा के नेतृत्व की सरकार के समय महानगरपालिका के लिए प्रभाग प्रणाली से चुनाव हुए। एक प्रभाग से 4 नगरसेवक चुने गए। इस मामले में दुविधा जताते हुए अब एक वार्ड एक नगरसेवक की प्रणाली लायी जा रही है। महाविकास आघाड़ी सरकार की ओर से कहा गया है कि एक प्रभाग में चार नगरसेवक होने से किसी नगरसेवक की जिम्मेदारी तय नहीं हो पाती है।
विकास कार्यों के मामले में असली हकदार को विकास कार्य का श्रेय नहीं मिल पाता है। ऐसे में एक वार्ड एक नगरसेवक प्रणाली को बेहतर बताया गया है। विधानसभा में शीतकालीन अधिवेशन में इस संबंध में संशोधन विधेयक भी मंजूर कराया गया है। मनपा में कुल 151 नगरसेवकों में से 108 नगरसेवक भाजपा के हैं। 25 नगरसेवक कांग्रेस के है। राकांपा व शिवसेना के 1-1 नगरसेवक हैं। बसपा के 10 नगरसेवक हैं। फरवरी 2017 में मनपा चुनाव हुआ था। अगला चुनाव 2022 में होगा। कांग्रेस यह मानकर चल रही है कि उसके लिए अनुकूल स्थिति बन रही है। राज्य में सत्ता बदलने का प्रभाव निकाय संस्थाओं के चुनाव पर पड़ेगा।
वार्ड चुनाव में मतदाताओं की संख्या कम होगी। ऐसे में योग्य व नेतृत्ववान उम्मीदवार रहे तो कांग्रेस को मनपा की सत्ता भी मिल सकती है। तय योजना के तहत कांग्रेस शहर भर में युवा नेतृत्व की तलाश करेगी। साथ ही ऐसे कार्यकर्ताओं को भी तलाशेगी जो भले ही किसी भी दल से जुड़ा हो लेकिन जनता के बीच गहरी पैठ रखता हो। वार्ड स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए माेहल्ला व बूथ कमेटियों का जल्द ही पुनर्गठन होगा। शासकीय कमेटी के माध्यम से कार्यकर्ताओं का एक अलग नेटवर्क तैयार किया जायेगा। लाइसेंस शिविर के अलावा स्वास्थ्य व अन्य सेवा शिविर के माध्यम से जनता से सीधे जुडने का अभियान चलाया जायेगा।
भाजपा सरकार के विरोध में विविध प्रदर्शनों में न केवल जनता का शामिल किया जाएगा बल्कि इन प्रदर्शनों का नेतृत्व भी सामान्य कार्यकर्ता को ही दिया जायेगा। चुनाव तैयारी की रणनीति को लेकर शहर कांग्रेस की बैठक दो दिन पहले ही देवडिया भवन में हुई है। जल्द ही वार्ड स्तर पर कांग्रेस की चुनाव तैयारी दिखने लगेगी। कांग्रेस के शहर महासचिव गजराज हटेवार ने कहा है कि संगठन कार्य की नियमित समीक्षा होगी। मनपा चुनाव की तैयारी के लक्ष्य के साथ भी काम होगा।