एडमिशन में खामियां, स्टूडेंट्स को नहीं मिल रही जानकारी, हुए परेशान
एडमिशन में खामियां, स्टूडेंट्स को नहीं मिल रही जानकारी, हुए परेशान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर समेत राज्य भर में इंजीनियरिंग, एमबीए और एमसीए जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में एडमिशन को लेकर भारी भ्रम है। राज्य सरकार, स्टेट कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) सेल और उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के बीच समन्वय की कमी का झटका स्टूडेंट्स को लग रहा है। पिछले वर्ष 10 जून तक जहां रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी, इस बार लेट-लतीफी अधिकारियों पर हावी है। रजिस्ट्रेशन, सीट, कैप राउंड की जानकारी तक स्टूडेंट्स को नहीं दी गई है। हां, नागपुर में औपचारिकता के नाम पर कुछ केंद्र शुरू किए गए हैं। स्टूडेंट्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऑनलाइन पंजीयन करके, सेतु केंद्र पर जाकर वहां से अपने दस्तावेज वेरिफाई कराएं। अगला शेड्यूल उन्हें जल्द ही दे दिया जाएगा।
समन्वय की कमी से बिगड़ा काम
एडमिशन प्रोसेस को लेकर जारी इस भ्रम के बीच हमने राज्य कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल प्रमुख आनंद रायते से बात की। उनसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की एडमिशन प्रोसेस को लेकर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि राज्य में लागू मराठा एसईबीसी आरक्षण को लेकर कुछ मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं, इसलिए राज्य सरकार ने अभी तक सीईटी सेल को प्रवेश के नियम ही तैयार करके नहीं दिए हैं। एडमिशन प्रोसेस में मराठा आरक्षण लागू करना है या नहीं, इसके बाद बात आगे बढ़ेगी। सीट मैट्रिक्स बनेगा और कैप राउंड का शेड्यूल तैयार किया जाएगा।
एडमिशन में हो रहे लेट
दूसरी तरफ, रायते ने उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग से भी असहयोग की टीस जाहिर की। उन्होंने कहा कि सीईटी सेल ने इसी साल से प्रवेश की जिम्मेदारी संभाली है। तय तो हुआ था कि 31 मई तक सीईटी सेल को प्रवेश के नियम और ब्रोशर भेजे जाएंगे। 11 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। ये विभाग के संचालक की जिम्मेदारी थी। ऐसी स्थिति में सीईटी सेल कैसे काम करेगा। प्रवेश के नियम और ब्रोशर सरकारी विभाग बनाते हैं, सीईटी सेल केवल इसे पब्लिश करता है। हमने सरकार को कह दिया है कि यदि संचालक की ओर से हमें सहयोग नहीं मिलेगा, तो स्वाभाविक है कि इस साल के प्रवेश लेट हो जाएंगे।
विद्यार्थियों का नुकसान होगा
रायते के अनुसार, सीईटी सेल को सहयोग की कमी के कारण जो प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने में देर हो रही है, उसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा। क्योंकि यदि आज हमारे पास फाइल आती है, तो प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने में हमें 15 जून तक का वक्त लगेगा। हमारी मजबूरी है कि हमें तय डेडलाइन के भीतर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी होती है। इसके आगे जाकर हम प्रवेश प्रक्रिया आयोजित नहीं कर सकते। ऐसे में यदि 15 जून से भी प्रक्रिया शुरू की, तो विद्यार्थियों को फॉर्म भरने के लिए 5 दिन मिलेंगे। हमने राज्य में कुल 340 सेंटर बनाए हैं। पांच दिन में वे फार्म भरेंगे। फिर हमें तीन दिन मिलेंगे मेरिट निकालने के लिए और इसके बाद उन्हें ऑप्शन फॉर्म भरने की मोहलत भी देनी है। ऐसे में स्थिति साफ होती है कि प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने में भले ही देर हो, प्रवेश प्रक्रिया खत्म अपने तय समय पर ही होगी। बस विद्यार्थियों को फाॅर्म भरने से लेकर कॉलेज चुनने के लिए थोड़ा ही समय मिलेगा।