राज्य के टोल पर अभी भी फास्टैग अनिवार्य नहीं , कैश में ही दिया जा रहा टोल
राज्य के टोल पर अभी भी फास्टैग अनिवार्य नहीं , कैश में ही दिया जा रहा टोल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूरे देश भर में फास्टैग लागू हो चुका है। देश भर के नेशल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सभी टोल पर फास्टैग लगा दिया गया है, लेकिन स्टेट के टोल पर अब भी फास्टैग नहीं लगाया गया है। यहां पर अब भी कैश में ही टोल दिया जा रहा है। इसलिए कई लोग फास्टैग का उपयोग नहीं कर रहे हैं। शहर के दिघाेरी टोल, वाड़ी टोल, काटोल टोल पर अब भी हेवी मोटर व्हीकल को टोल देना होता है, जिसमें अब तक कैश में ही टोल दिया जा रहा है।
एनएचएआई ने नेशनल हाइवे के टोल पर तो फास्टैग अनिवार्य कर दिया है, लेकिन राज्य के टोल पर अब तक फास्टैग नहीं लगाए हैं। राज्य के टोल भी फास्टैग टोल किए जाएंगे। फिलहाल पुराने कान्ट्रैक्ट के तहत अभी शहर के आस-पास के महराज्य राज्य मार्ग विकास कॉर्पाेरेशन के टोल पर टोल टैक्स कैश में दिया जा रहा है। यहां पर कार और अन्य लाइट मोटर व्हीकल के लिए टैक्स फ्री है, लेकिन हैवी मोटर व्हीकल के लिए टैक्स अनिवार्य है।
एनएचएआई की कोई भूमिका नहीं
राज्य मार्ग विकास कॉर्पाेरेशन के टोल को अभी फास्टैग में नहीं बदला गया है। पुराने कान्ट्रैक्ट के कारण यह नहीं हो सका है। बाद में किया जाएगा। इसमें एनएचएआई की कोई भूूमिका नहीं होगी।-स्वप्निल कसार, मैनेजर, एनएचएआई
गौण खनिज चोरी की शिकायत
वाड़ी नगर परिषद क्षेत्र में खाली जगह में टेकड़ी से गौण खनिज निकालकर टेकड़ी को नष्ट करने की शिकायत स्थानीय नागरिकों ने जिलाधिकारी व तहसीलदार से की है। टेकड़ी पर खुदाई कर करीब 2 हजार ट्रक मुरुम बेचने का आरोप है। टेकड़ी खत्म होने से नागरिको के घरों में बारिश का पानी घुसने की जानकारी ज्ञापन में दी गई है। नागरिकों ने इस प्रकरण की तत्काल जांच करने की मांग की है। 15 दिन के भीतर कार्रवाई नहीं करने पर तहसील कार्यालय के सामने आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है।
इस संदर्भ में तहसीलदार मोहन टिकले ने बताया कि संबंधित जगह नगर परिषद क्षेत्र में आने से नप को कार्रवाई करना चाहिए। गौण खनिज को कोई चुराता है तो पुलिस में भी शिकायत कर सकते हैं। इस प्रकरण की गंभीरतासे जांच करेंगे। नगर परिषद मुख्याधिकारी, पुलिस को शिकायत भेजेंगे व मौके की जांच के लिए नायब तहसीलदार को भेजेकर ब्योरा मांगेंगे। उसके बाद ही कार्रवाई होगी। ज्ञापन पर सैकड़ों लोगों के हस्ताक्षर हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में अमित हुस्नापुरे, वसंतराव गड़ीनकर, मोहन वसूले, हरिकृष्ण शर्मा, सुनील सेलोकर, विलास माडेकर, अरुण तट्टे का समावेश था।