कृषि और पर्यावरण पूरक मधुमक्खी पालन का व्यवसाय करें किसान

लाभ ही लाभ कृषि और पर्यावरण पूरक मधुमक्खी पालन का व्यवसाय करें किसान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-02 09:46 GMT
कृषि और पर्यावरण पूरक मधुमक्खी पालन का व्यवसाय करें किसान

डिजिटल डेस्क, अकोला। मधुमक्खी का जीवित रहना एक ऐसे व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण है जहां परागकण की प्रक्रिया होती हो, जैसे कि कृषि व्यवसाय अत्यंत महत्वपूर्ण है। शहद के आहार संबंधी महत्व को देखते हुए शहद उत्पादन किसानों को अतिरिक्त आय भी प्रदान कर सकता है। इस पर्यावरण के अनुकूल पूरक व्यवसाय के बारे में किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए महाराष्ट्र राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल की ओर से एक शहद उद्योग विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसका किसानों से लाभ लेने की अपील मंडल की ओर से की गई है।  यह विशेष रूप से पहाड़ी और वन क्षेत्रों में मधुमक्खी पालकों को आय का एक स्रोत प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है। मधुमक्खी पालन उद्योग के लिए मध केन्द्र योजना एवं वित्तीय सहायता/सब्सिडी योजना मंडल के माध्यम से क्रियान्वित की जाती है। इस उद्योग में प्रशिक्षण बोर्ड के माध्यम से प्रदान किया जाता है और शहद के बक्से और शहद मशीनों को रियायती दरों पर आपूर्ति की जाती है। साथ ही इस उद्योग के अंतर्गत उत्पादन, अनुसंधान, शहद प्रक्रिया, बिक्री, रानी मधुमक्खी प्रजनन आदि कार्यक्रम भी मंडल के माध्यम से संचालित किये जाते हैं। 

शहद उद्योग एक अच्छा ग्रामोद्योग है, इसमें भूमि, भवन, बिजली, पानी जैसे पूंजी निवेश की आवश्यकता नहीं होती है। इस व्यवसाय में रोजगार निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। इस संदर्भ में प्रगतिशील मधुमक्खी पालक और केंद्र निदेशक को महाबलेश्वर में 20 दिनों का और व्यक्तिगत किसान को जिले के या स्थानीय स्थान पर निवासी प्रशिक्षण दिया जाता है। मधुमक्खी पालन वित्तसहाय अनुदान योजना अंतर्गत प्रशिक्षण लेने वाले लाभार्थियों को मधुमक्खी पालन उद्योग के लिए लगने वाले मधुबॉक्स व अन्य सामग्री के रूप में 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। शेष 50 प्रतिशत स्वयं निवेश लाभार्थियों को करना है। मध खरीदी केंद्र चालक व मधुमक्खी पालक उद्योमियों ने उत्पादित किया शहद व मेण शहद संचालनालय के माध्यम से समर्थन मूल्य से खरीदा जाता है। जिससे किसानों से खेती को पूरक व्यवसाय के रूप में मधुमक्खी पालन करने की अपील मंडल की ओर से की गई है। 
 

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