बैंकों की लापरवाही से अटकी किसानों की कर्जमाफी, विपक्ष को मिला मुद्दा 

बैंकों की लापरवाही से अटकी किसानों की कर्जमाफी, विपक्ष को मिला मुद्दा 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-24 16:22 GMT
बैंकों की लापरवाही से अटकी किसानों की कर्जमाफी, विपक्ष को मिला मुद्दा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बैंक कर्मचारियों की लापरवाही से अभीतक किसानों को कर्जमाफी का फायदा नहीं मिल सका है। जबकि एक सप्ताह पहले 8 लाख 40 हजार पात्र किसानों की सूची जारी कर प्रतीकात्मक कुछ किसानों को सर्टिफिकेट बांटे गए थे। लेकिन बैंकों से कर्जदार किसानों के खाते के बारे में सही जानकारी न मिलने से अभी तक किसी का पैसा खातों में नहीं पहुंच सका है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारियों की बैठक बुलाई है। किसान कर्जमाफी की घोषणा के बाद राज्य सरकार ने किसानों से आनलाईन आवेदन मंगाए थे। सरकार को मिले कुल 56 लाख 59 हजार आवेदन में से पहली सूची में 8 लाख 40 हजार किसानों को शामिल कर इनके कर्ज की राशि सीधे बैंकों को भेजे जाने की घोषणा की गई थी। सीएम ने 18 अक्टूबर को मुंबई में आयोजित समारोह में कर्जमाफी का लाभ पाने वाले कुछ किसानों को कर्जमाफी का प्रमाणपत्र भी बांटा था। पर अभी तक उनके बैंकों तक धनराशि नहीं पहुंची। 

पति-पत्नी का एक ही आधार, दो किसानों के एक ही बैंक खाते 

किसान कर्जमाफी के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की मंगलवार को मंत्रालय में बैठक हुई। सीएम की मौजूदगी में हुई बैठक में बताया गया कि बैंकों ने कर्ज लेने वाले किसानों की जो जानकारी भेजी, उसमें काफी गड़बड़ी है। राज्य के आईटी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कर्जमाफी के लिए जिन 8 लाख 40 हजार किसानों की पहली सूची जारी की गई, उनमें से 3 लाख किसानों का सही डाटा तैयार हैं। यानि इनको तुरंत कर्जमाफी का लाभ दिया जा सकता है। बाकी 5 लाख 40 हजार किसानों के बैंक खाते से संबंधित जो जानकारी संबंधित बैंकों द्वारा उपलब्ध कराई गई है, उसमें काफी गड़बडी है। एक ही आधार क्रमांक को कई ग्राहकों के नाम के साथ लिख दिया गया है। पति-पत्नी का एक ही आधार क्रमांक दिया गया है। दिलीप कपाले और बालकृष्ण गंगाली नामक दो किसानों के बैंक खाते का नंबर एक ही है। 

केवल 14 लाख डाटा ही सही

आईटी विभाग के प्रधान सचिव विजय कुमार गौतम ने बताया कि कर्जमाफी का लाभ देने के लिए राज्य सरकार ने बैंकों से खातेदार किसानों की जानकारी मांगी थी। बैंकों ने 26 लाख किसानों के खाते संबंधी जानकारी राज्य के आईटी विभाग को उपलब्ध कराई। इनमें केवल 14 लाख डाटा ही सही पाए गए। बाकी में आधी अधूरी और गलत जानकारी थी। जिसे आनलाईन सिस्टम ने रिजेक्ट कर दिया। उन्होंने बताया कि बैंकों से सही डाटा मिलने पर एक सप्ताह के भीतर बैंकों को कर्ज की राशि भेजी जा सकती है।  

आनलाईन प्रणाली का विरोध

विपक्ष शुरु से ही कर्जमाफी के लिए आनलाईन प्रणाली तैयार करने का विरोध कर रहा था। बैंकों की वजह से उनको सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है। मामले की गंभीरता को समझते हुए सीएम ने बुधवार को सुबह 11 बजे बैंकर्स की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक के बाद आनलाईन कर्जमाफी की बाबत स्थिति साफ हो पाएगी।

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