फसल नुकसानी का सर्वे कराने में देरी पर किसान हुए नाराज, तीन घंटे किया प्रदर्शन

छिंदवाड़ा फसल नुकसानी का सर्वे कराने में देरी पर किसान हुए नाराज, तीन घंटे किया प्रदर्शन

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-22 11:10 GMT
फसल नुकसानी का सर्वे कराने में देरी पर किसान हुए नाराज, तीन घंटे किया प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/पांढुर्ना। आदिवासी अंचल के किसानों ने गुरुवार को नांदनवाड़ी में प्रदर्शन करते हुए अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग रखी। यहां किसानों ने फसल नुकसानी का सर्वे कराकर प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए मुआवजा देने की मांग उठाई। फसलों की नुकसानी का सर्वे करने में हो रही देरी को लेकर किसानों ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर नाराजगी भी जताई। करीब तीन घंटे तक चले किसानों के प्रदर्शन को देख राजस्व और पुलिस का अमला ताबड़तोड़ ग्राम नांदनवाड़ी पहुंचा। यहां तहसीलदार वीर बहादुर सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए किसानों ने छह सूत्रीय मांगें रखी।
ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए मुआवजा देने के अलावा प्रभावित किसानों ने सोसायटी और बैंकों से लिया ऋण माफ  करने, आगामी रबी सीजन की फसलों के लिए नि:शुल्क खाद-बीज की व्यवस्था करके देने, रबी फसलों की सिंचाई के लिए नि:शुल्क बिजली प्रदाय करने, सरकारी व निजी स्कूलों में अध्ययनरत् किसानों के बेटे-बेटियों की शैक्षणिक फीस माफ करने और किसानों को तत्काल मदद करने के लिए मनरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायतों से मजदूरी प्रदान करने की मांग उठाई। यहां करीब तीन घंटे तक किसानों ने प्रदर्शन करते हुए शिवराज सरकार के खिलाफ  भी नारेबाजी की। किसानों की नाराजगी शांत नहीं होते देख प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और अधिकारियों ने किसानों की बात सुनी। प्रदर्शनकारी किसान रोशन पानसे, राजेश उइके आदि ने बताया कि अतिवृष्टि से फसल नुकसानी हुए एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है पर अब तक शासन-प्रशासन ने नुकसानी का सर्वे नहीं कराया है। प्रदर्शन के दौरान अंबाड़ा बाजार, रायबासा, बंधान, कौडिय़ा, पाठई, नांदनवाड़ी, सेंदुरजना, पठारा, देवनाला, चांगोबा, गायखुरी, पिठेर, धनोरा आदि गांवों के किसान पहुंचे।

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