हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष और सुप्रसिद्ध कवि विष्णु खरे का दिल्ली में निधन 

हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष और सुप्रसिद्ध कवि विष्णु खरे का दिल्ली में निधन 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-19 16:32 GMT
हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष और सुप्रसिद्ध कवि विष्णु खरे का दिल्ली में निधन 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मशहूर कवि, लेखक और दिल्ली हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष विष्णु खरे का निधन हो गया है। एक सप्ताह पहले ब्रेन हैमरेज के बाद 78 वर्षीय खरे को दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद से ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। जानेमाने कवि व पत्रकार विष्णु खरे ने इसी साल 30 जून को हिंदी अकादमी का उपाध्यक्ष पद संभाला था। खरे का जन्म मध्यप्रदेश के छिंदवाडा में हुआ था। इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज से अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री के बाद उन्होंने हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा था। इसके अलावा वे अनुवादक, फिल्म आलोचक, पटकथा लेखक भी रहे। उनका पहला काव्यसंग्रह ‘एक गैर रूमानी समय’ था। खरे ने मशहूर ब्रिटिश कवि टीएस इलियट की कविताओं का हिंदी अनुवाद भी किया जो मरू प्रदेश और अन्य कविताएं नाम से प्रकाशित हुआ। खरे नाइट ऑफ द ह्वाइट रोज सम्मान, हिंदी अकादमी साहित्य सम्मान, शिखर सम्मान, रघुवीर सहाय सम्मान, मैथिली शरण गुप्त सम्मान से नवाजा गया था। खरे दैनिक इंदौर के उप संपादक और नवभारत टाइम्स के अलग-अलग एडीशन के संपादक भी रहे थे। 

‘हिंदी साहित्य दरिद्र हो गया’ 

उनके निधन पर वरिष्ठ पत्रकार-कहानीकार धीरेंद्र अस्थाना ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि खरे जी के निधन के चलते मैंने पिता जैसा दोस्त खो दिया है। उनके जाने से हिंदी साहित्य दरिद्र हो गया है। वे उम्र में खुद से छोटे लोगों से भी उसी अपनेपन से मिलते थे। फिलहाल वे मुक्तिबोध की कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद कर रहे थे काश वे इसे पूरा कर पाते।  

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