जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी- किडनी महिला व युवक को प्रत्यारोपित

अंगदान जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी- किडनी महिला व युवक को प्रत्यारोपित

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-14 12:30 GMT
जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी- किडनी महिला व युवक को प्रत्यारोपित

डिजिटल डेस्क, नागपुर. मेरे पति बीमा एजेंट थे। उनकी कंपनी का घोष वाक्य था- जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी। वे जीवनभर लोगों को बीमा निकालने व अपने व परिवार का भविष्य सुरक्षित रखने की सलाह देते रहे हैं। उनके अंगदान से लोगों को नया जीवन मिलता है तो, मेरी अनुमति है। ऐसा ब्रेन डेड हो चुके दिनेश भागवतकर की पत्नी सुजाता ने कहा। दिनेश की पत्नी सुजाता, बेटा सारांश, बेटी रुषिका व  बड़ा भाई प्रशांत ने अंगदान के लिए सहमति दी। न्यू बीड़ीपेठ कार्पोरेशन स्कूल के समीप रहने वाले 52 साल के दिनेश भागवतकर की 9 अप्रैल को अचानक तबीयत बिगड़ी। उनके सिर व छाती में तेज दर्द होने लगा था। उल्टियां भी होने लगीं। उन्हें तुरंत सेवन स्टार हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। वहां एमआरआई व ब्रेन टेस्ट के बाद उन्हें ब्रेन हैमरेज होने का पता चला। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का हरसंभव प्रयास किया, लेकिन उपचार को प्रतिसाद नहीं मिला।

डॉक्टरों ने की ब्रेन डेड की पुष्टि : 12 अप्रैल को ब्रेन डेड टीम के डॉ. प्रशांत रहाटे, डॉ. झोएब हैदर, डॉ. सदाशिव भोले ने ब्रेन डेड होने की पुष्टि कर दी। इसके बाद डॉ. संदीप नागमोते व डॉ. शफी खान ने  परिजनों का समुपदेशन कर अंगदान के लिए प्रेरित किया। समुपदेशन के बाद परिजनों ने अंगदान के लिए अनुमति दे दी। यह जानकारी जाेनल ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेशन सेंटर को दी गई। 

किडनी महिला व युवक को प्रत्यारोपित : समिति के अध्यक्ष डॉ. संजय कोलते, सचिव डॉ. राहुल सक्सेना की सूचना पर समन्वयक वीणा वाठोरे व दिनेश मंडपे ने प्रतीक्षा सूची के अनुसार जरूरतमंदों की जानकारी प्राप्त की। शहर के एस.एस. मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में 42 साल की महिला पर एक किडनी प्रत्योरोपित की गई। दूसरी किडनी सावंगी के आचार्य विनाेबा भावे ग्रामीण अस्पताल के 30 साल के युवक पर प्रत्यारोपित की गई। आंखें माधव नेत्र पेढ़ी को सौंपी गई हैं। 
 

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