सात वर्ष बाद भी स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने बीमित को नहीं दिया क्लेम

पॉलिसी धारक का आरोप: आम लोगों के साथ जालसाजी कर रहे जिम्मेदार सात वर्ष बाद भी स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने बीमित को नहीं दिया क्लेम

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-28 11:21 GMT
सात वर्ष बाद भी स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने बीमित को नहीं दिया क्लेम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कंपनियाँ एजेंटों व ऑफिस स्टाफ के माध्यम से लगातार लोगों को बीमा पॉलिसी बेचती हैं। बीमित को तरह-तरह के लुभावने वादे भी करती हैं। कई बीमा कंपनियों के लोग यहाँ तक कह देते हैं कि पहले दिन से बीमा का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। तरह-तरह के आफर में आकर आम लोग बीमा कंपनियों के झाँसे में आ जाते हैं व स्वास्थ्य बीमा की पॉलिसी खरीद लेते हैं। पीड़ितों का आरोप है कि हमें इनकी कारगुजारी का पता तब चलता है जब हमें कैशलेस की जरूरत पड़ती है।

जरूरत के समय हम लगातार इंश्योरेंस कंपनी के टोल फ्री नंबर, स्थानीय ऑफिस व अधिकारियों से संपर्क करते हैं पर हमें किसी तरह का लाभ नहीं दिया जाता। आखिरकार हमें अस्पताल का बिल देना पड़ता है और उसके बाद बीमा कंपनियों के चक्कर लगाने मजबूर होना पड़ता है। पॉलिसी धारक लगातार शिकायत कर रहे हैं कि कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब पॉलिसी धारक प्रशासन से यह उम्मीद कर रहे हैं कठिन समय में कैशलेस तथा बिलों का भुगतान नहीं करने वाली बीमा कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएँ।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

नेटवर्क अस्पताल में ऑपरेशन हुआ पर नहीं किया कैशलेस

मप्र जबलपुर के विजय नगर निवासी राजीव ने बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से पॉलिसी ले रखी है। प्रतिवर्ष प्रीमियम भी जमा करते आ रहे हैं। पॉलिसी क्रमांक पी/201116/01/000772 का कैशलेस कार्ड भी बीमा कंपनी के द्वारा उपलब्ध कराया गया है। पत्नी प्रवीणा के पेट में दर्द होने के कारण निजी अस्पताल में चैक कराया तो वहाँ पर गंभीर बीमारी होने की बात कही गई तो पत्नी को मुंबई के निजी अस्पताल में लेकर गए और वहाँ पर चेकअप के बाद चिकित्सकों की सलाह पर ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई।

चिकित्सकों की सलाह पर ऑपरेशन के लिए सहमति दी और स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को कैशलेस के लिए मेल किया गया। नेटवर्क अस्पताल होने के कारण पहले बीमा कंपनी ने इलाज का पूरा भुगतान करने का वादा किया और जब अस्पताल से छुट्टी होने लगी तो कैशलेस से इनकार करते हुए बिल सबमिट करने पर पूरा भुगतान करने का वादा किया। बीमित के द्वारा इलाज के बाद फरवरी 2017 में बिल सबमिट किए गए तो पहले अनेक प्रकार की क्वेरी निकालीं। बीमित ने सारे तथ्य दिए तो जल्द क्लेम देने का वादा बीमा कंपनी के द्वारा किया गया पर सात वर्ष बाद भी पॉलिसी धारक को स्टार हेल्थ ने भुगतान नहीं किया। पीड़ित का आरोप है कि जिम्मेदार आम लोगों के साथ गोलमाल कर रहे हैं।

 

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