मामले को निपटाने के लिए शिक्षक का मूल्यांकन महत्वपूर्ण- शरद बोबडे

मामले को निपटाने के लिए शिक्षक का मूल्यांकन महत्वपूर्ण- शरद बोबडे

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-18 11:59 GMT
मामले को निपटाने के लिए शिक्षक का मूल्यांकन महत्वपूर्ण- शरद बोबडे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विभिन्न विधाओं में अलग-अलग परिस्थियां रहती है लेकिन जब बात कानूनी शिक्षा की आती है तो मामले को निटपाने के लिए मूल्यांकन हेतु शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और प्रो. माधव मेनन उनमें से एक थे। यह बात सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति शरद बोबडे ने कही। वह शनिवार 18 जनवरी को वनामति में महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नागपुर और एयर लॉ एकेडमी एडं रिसर्च सेंटर नागपुर के तत्वावधान में आयोजित पुस्तक विमाेचन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर उनके हाथों प्रोे.एन.आर.माधव मेनन और उनके भारतीय विधि शिक्षा में योगदान पर विशेष कंटेम्पोररी लॉ रिव्यू वाल्यूम-3 व मोर क्राईस इन वाल्डरनेस पुस्तक का विमाेचन किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वोच्चय न्यायालय के न्यायामूर्ति बी.आर.गवई, न्यायमूर्ति आर.के.देशपांडे, पूर्व न्यायामूर्ति आर.सी. चव्हाण व एमएनएलयू के वाईचांसलर डॉ.विजेन्द्र कुमार उपस्थित थे।

मुख्य न्यायामूर्ति ने कहा कि मुझे प्रो. माधव मेनन के साथ कई बार काम करने का मौका मिला। इससे मुझे अनुभव हुआ कि उनका दृष्टिकोण स्पष्ट था, वह मर्म को समझते थे और विधि शिक्षण के मुख्य बिन्दु तक पहुंचने में सक्षम थे। उन्होंने कहा कि विधि शिक्षण काफी तेजी से बदल रहा है। बंलगुरु की अपेक्षा हमारी यूनिवर्सिटी काफी कम जगह में है लेकिन बिल्डिंग और आर्किटेक्चर के आधार पर विधि शिक्षण को तय नहीं किया जा सकता है। उन्होंने सेवानिवृत्त न्यायामूर्ति आर.सी. चव्हाण के बारे में कहा कि मैं उनके निर्णय का प्रशंसक हूं क्योंकि मैंने अनुभव किया है कि उन पर केस की संख्या, वाॅल्यूम बुक के पेपर और अधिवक्ताओं की आवाज का कोई प्रभाव नहीं पड़ता था। वह बिन्दू बार और विषय से संबंधित चर्चा करते थे और कहते थे कि मैं निर्णय देने के लिए तैयार हूं। यह बहुत कम देखने को मिलता है। बहुत कम न्यायाधीश में यह देखने को मिलता है। न्यायामूर्ति गवई ने न्यायामूर्ति चव्हाण अपनी पुस्तक में जो लिखते थे उसे पढ़ने के बाद ध्यान में आता था कि वह न्यायामूर्ति, निर्णय सभी के बारे में हृदय से लिखते थे। प्रो.माधव मेनन पायोनियर थे। यह स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं है कि मुझमें और नए विद्यार्थियों में काफी अंतर देखने को मिलेगा जिसमें सबसे महत्वपूर्ण उनको प्रैक्टिकल चीजें मिलना आदि शामिल है। आभार प्रदर्शन ऑल इंडिया रिपोर्टर के आदित्य वैद्य ने किया।

एकमात्र ऐसा कॉलेज होगा जो न्यायाधीश देगा
मुख्य न्यायामूर्ति ने महाराष्ट्र नागपुर लॉ यूनिवर्सिटी का संदर्भ देता हुए कहा कि मैं जिस यूनिवर्सिटी के साथ एंगेज हूं वो एकमात्र यूनिवर्सिटी या कॉलेज एकमात्र ऐसा कॉलेज होगा जो अधिवक्ता नहीं न्यायाधीश देगा।

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