२२ साल बाद भी नहीं मिली ईपीएफ की राशि

छिंदवाड़ा २२ साल बाद भी नहीं मिली ईपीएफ की राशि

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-20 11:58 GMT
२२ साल बाद भी नहीं मिली ईपीएफ की राशि

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। चौरई के पलटवाड़ा में ३१ साल पहले स्थापित सोयाबीन प्लांट महज आठ साल संचालन के बाद बंद हो गया। यहां काम कर रहे ३३६ मजदूर और ७५ सुरक्षा गार्ड अचानक बेरोजगार हो गए। २२ साल से इन कर्मचारियों को भविष्य निधि की राशि भी नहीं मिल पाई है। सरकार ने प्लांट के कबाड़ की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कर्मचारियों का कहना है कि पहले उनकी भविष्य निधि राशि का भुगतान किया जाए उसके बाद ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो।
सोयाबीन प्लांट पलटवाड़ा में लगभग ४०० लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला था और प्लांट के आसपास १०० से अधिक लोग भी अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ गए थे। प्लांट के पूर्व कर्मचारी संजय वर्मा ने बताया कि वर्ष १९९९ में मजदूरों और सुरक्षा गार्डों को सूचना दिए बिना अचानक प्लांट बंद करने की घोषणा कर दी गई। प्रबंधन ने सभी श्रमिकों और सुरक्षा गार्डों को आधा वेतन देने का वादा किया था लेकिन इस पर कोई अमल नहीं किया गया। वर्ष १९९१ से १९९९ तक की अवधि में कार्यरत मजदूरों के वेतन से १२ प्रतिशत राशि ईपीएफ के रूप में काटी गई। प्रबंधन ने लगभग ४२ लाख रुपए भविष्य निधि खाते में जमा कराए लेकिन यह राशि आज तक मजदूर और सुरक्षा गार्डों को नहीं मिल पाई है। इसके लिए श्रमिकों ने न्यायालय में भी गुहार लगाई। प्रांतीय जन संयुक्त एसोसिएशन के महामंत्री जीएल वर्मा, सचिव जितेेंद्र गिरी, महेश विश्वकर्मा, इजराइल मंसूरी, सुरेश पाल, शिवराम डोहले, चिंतामन वर्मा, चैनसिंग अहरवार, आनंद शर्मा, भगवानदास कृष्णगिरी, पुसू उइके आदि ने कहा कि प्रबंधन की लापरवाही के कारण मजदूर और सुरक्षा गार्डों को न्याय नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक हमें भविष्य निधि का भुगतान नहीं किया जाता तब तक प्लांट की नीलामी नहीं होनी चाहिए।

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