तणस से होगा ईंधन उत्पादन, आदिवासी क्षेत्र में बढ़ेंगे रोजगार के साधन : गडकरी
तणस से होगा ईंधन उत्पादन, आदिवासी क्षेत्र में बढ़ेंगे रोजगार के साधन : गडकरी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में प्रतिभा की कमी नहीं है। उनकी प्रतिभा को मार्गदर्शन का सहारा मिलने पर आदिवासी क्षेत्र में आर्थिक हालात बदल सकते हैं। लक्ष्मणराव मानकर स्मृति शैक्षणिक संस्था, एकलव्य एकल विद्यालय के माध्यम से दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों में शैक्षणिक तथा सामाजिक उन्नति के कार्य कर रही है। इसे अब रोजगार सृजन करने वाले उपक्रम चलाकर बेरोजगारी को मात देने के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में तणस से ईंधन उत्पादन आदिवासी क्षेत्र में रोजगार का विकल्प होगा। तणस से ईंधन उत्पादन शुरू होने पर विदर्भ के नागपुर, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर, गड़चिरोली जिलों के नागरिकों को आर्थिक लाभ होगा।
40 हजार करोड़ चुकाने पड़ते हैं
गडकरी ने बताया कि विदेश से ईंधन खरीदी पर भारत को हर वर्ष 40 हजार करोड़ रुपए चुकाने पड़ते हैं। यदि हमारे देश में उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल किया जाता है, तो स्थानीय नागरिकों की आर्थिक उन्नति होगी। तणस, करंज, जेट्रोफा से बॉयोडीजल, बांबू से इथेनॉल, सीएनजी ईंधन बनाया जा सकता है। इस तकनीक को आदिवासी क्षेत्रों में पहुंचा कर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। सर्वांगीण विकास के लिए उन्होंने अर्जित ज्ञान का उपयोग धन में परावर्तित करने का आह्वान किया।
डेढ़ करोड़ रुपए करेंगे दान
गडकरी ने एकलव्य एकल विद्यालय को एक करोड़ रुपए और जितेंद्रनाथ महाराज के अंजनगांव सुर्जी आश्रम को 50 लाख रुपए अपनी माता के स्मृति दिवस 18 अगस्त को दान देने की घोषणा की। नंदकिशोर अग्रवाल ने एकलव्य एकल विद्यालय को 25 हजार रुपए दान किए।
शहद उत्पादन को बढ़ावा
गडकरी ने कहा कि विदर्भ में शहद उत्पादन के बेहतर अवसर हैं। इसे बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ की निधि मंजूर की गई है। खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। गांवों में तैयार हुए उत्पाद को शहर के बाजार उपलब्ध कराने खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से खरीदी की व्यवस्था की जाएगी।
आदर्श शिक्षक और पर्यवेक्षक सम्मानित
विदर्भ में एकलव्य एकल विद्यालय के 871 स्कूल और शिक्षक हैं। 10 स्कूलों पर एक पर्यवेक्षक, विभाग तथा जिला स्तर पर पर्यवेक्षक कार्यरत हैं। इस वर्ष सर्वोत्तम कार्य करने वाले विभागीय पर्यवेक्षक विष्णु तिंबा, मेलघाटे के बंसी शेलोकर को 11 हजार रुपए पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। जिला स्तर पर भामरागढ़ के रामेश्वर चिपिये, चिखली के मनोहर सहारे, कुरखेड़ा तहसील के देवेंद्र मुंगनकर सम्मानित हुए। आदर्श शिक्षकों में मेलघाट के गजानन बेडकर, छत्तीसगढ़ की सीमा पर बसे गांव में सेवा कर रहे िदलीप मसराम और बुलढाणा जिले के बलिराम का सम्मान किया गया।
इनकी रही उपस्थिति
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री हंसराज अहिर, सांसद डॉ. विकास महात्मे, अमरावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु मुरलीधर चांदेकर, आदिवासी विकास मंत्री अशोक उईके, लक्ष्मणराव मानकर स्मृति शैक्षणिक संस्था अध्यक्ष अरुण लखानी, केशवराव मानकर, नंदकिशोर अग्रवाल, नानाजी नवले आदि उपस्थित थे। संस्थाध्यक्ष अरुण लखानी ने प्रस्तावना में संस्था के कार्यों की जानकारी प्रस्तुत की।