दोपहर बाद काम पर लौटे कर्मचारी, संगठनों के बीच पड़ गई फूट
पुरानी पेंशन योजना दोपहर बाद काम पर लौटे कर्मचारी, संगठनों के बीच पड़ गई फूट
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने की मांग को लेकर विगत 14 मार्च से हड़ताल कर रहे शासकीय और अर्धशासकीय कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर कर्मचारी संगठनों के बीच फूट पड़ गई है। इधर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कर्मचारी समन्वय समिति के बीच सोमवार को हुई चर्चा में बिना किसी ठोस आश्वासन के अचानक हड़ताल खत्म होने की घोषणा को लेकर कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में गोंदिया में कर्मचारियों ने मंगलवार को शासन के आश्वासन से संतुष्ट न होते हुए सुबह अपने काम पर लौटने की बजाए जिला परिषद कार्यालय के समक्ष बनाए गए पंडाल में एकत्रित हुए। िजसके बाद विविध संगठनों की ओर से निषेध सभा का आयोजन कर संगठनों के पदाधिकारियों ने कर्मचारी समन्वय समिति की सरकार से हुई चर्चा पर विश्वास न होने की बात कहीं।
जिसके बाद मंगलवार को दोपहर के बाद से सभी कर्मचारियों को पूर्ववत काम पर लौटने को कहा गया। इस समय केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर निषेध किया गया। इस समय आनेवाले दिनों में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन लागू करने सहित अन्य मांगे पूूर्ण नहीं होने पर फिर से हड़ताल करने की चेतावनी दी गई। जिसके बाद सभी कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में लौटकर मस्टर पर हस्ताक्षर किए। इस समय कर्मचारियों का कहना था कि बुधवार, 22 मार्च को अवकाश रहने के कारण गुरुवार, 23 मार्च से नियमित कामकाज शुरू होगा।
हमें विश्वास नहीं
लीलाधर पाथोडे, निमंत्रक, राज्य सरकारी कर्मचारी समन्वय समिति के मुताबिक सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ हड़ताली कर्मचारियों की राज्य समन्वय समिति के पदाधिकारियों की चर्चा के बाद समिति के पदाधिकारियों ने शासन के आश्वासन पर विश्वास व्यक्त करते हुए हड़ताल खत्म करने की घोषणा की, लेकिन चर्चा में सरकार की ओर से पुरानी पेंशन लागू करने के संदर्भ में कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई। इसलिए हमारा इस पर विश्वास नहीं हंै। पहले भी सरकार ने हमारी मांग पर समिति का गठन किया था। लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। अब फिर से नई समिति बनाई गई है और तीन माह में निर्णय लेने की बात कहीं गई हंै।