शिक्षा संस्था को सेवानिवृत्त प्राध्यापकों के अनुभवों की आवश्यकता- देशमुख
सेलू शिक्षा संस्था को सेवानिवृत्त प्राध्यापकों के अनुभवों की आवश्यकता- देशमुख
डिजिटल डेस्क, सेलू। शैक्षणिक क्षेत्र में नए युग के प्रभाव के कारण नई-नई चुनौतियों का सामना करना पक़ता है। इस में शिक्षा क्षेत्र के अनुभवी शिक्षक-प्राध्यापकों के अनुभवों का बड़ा सदुपयोग हो सकता है। इस कारण प्राध्यापक सेवानिवृत्त होने पर भी उनके अनुभवों का आगे के समय लाभ मिल सके इस कारण संस्था को एेसे प्राध्यापकों की आवश्यकता रहने वाली है, यह विचार यशवंत ग्रामीण शिक्षण संस्था के अध्यक्ष समीर देशमुख ने व्यक्त किए। स्थानीय यशवंत महाविद्यालय के स्व. बापूराव देशमुख स्मृति सभागार में आयाजित सोवा निवृत्त प्राध्यापकों का विदाई व सत्कार समारोह के अध्यक्ष के रूप में संस्था अध्यक्ष समीर देशमुख बोल रहे थे। इस समय प्रमुख अतिथि के रूप में संस्था के उपाध्यक्ष सतीश राऊत, संचालक विजय भोमले, रणजीत शिंदे, कार्यकारी प्राचार्य डॉ. अर्चना डहाणे व स्टाफ क्लब के अध्यक्ष डॉ. राजेेंद्र मुंढे की प्रमुख उपस्थिति थी।
इस अवसर पर संस्थाध्यक्ष समीर देशमुख के हाथों सेवा निवृत्त प्राध्यापकों का शाल श्रीफल और भेंट वस्तु देकर सत्कार कर विदाई दी गयी। इस समय डॉ. अंजलि हुमणे, प्रा. गजानन केचे, प्रा. साधना देशमुख, प्रा. रत्नाकर चोरे, प्रा. मीना सावध इन सत्कारमूर्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवर पर महाविद्यालय की ओर से नवनियुक्त संस्थाध्यक्ष समीर देशमुख का सतीश राऊत के हाथों सत्कार किया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रा. डॉ. राजेंद्र मुंढे ने रखी। संचाालन डॉ. संदीप काले ने किया तथा आभार प्रा. अमित चिनेवार ने माना।