आकर्षण: जंगल सफारी में पर्यटकों को हुए कैटरीना के दीदार और नजारा देखने वाले देखते ही रहे
- जंगल सफारी में खास आकर्षण
- पर्यटकों को हुए कैटरीना के दीदार
- देखने वाला था पूरा नजारा
डिजिटल डेस्क, सेलू. जिले के सेलू तहसील के बोर बाघ प्रकल्प में विदर्भ सहित अन्य राज्यों के वन्यजीव व निसर्गप्रेमी बड़ी संख्या में यहां पर्यटन व जंगल सफारी के लिए आते हैं। यहां जंगल में समय-समय पर पर्यटकों को बाघ समेत अन्य वन्यजीवों का दीदार होने से बोर बाघ प्रकल्प को अधिक पसंद किया जाता है।
इसी तरह रविवार की सुबह 7.30 बजे जंगल सफारी के दौरान नागपुर और सेलू तहसील के हिंगणी के कुछ पर्यटकों ने बोर प्रकल्प की रानी कहलाने वाली "कैटरीना' नामक बाघिन अपनेे दो शावकों के साथ मुक्त संचार करते हुए देखने का आनंद उठाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह में नागपुर और सेलू तहसील के हिंगणी के कुछ लोग बोर बाघ प्रकल्प में जंगल सफारी का आनंद ले रहे थे। पर्यटकों की जिप्सी बोर बाघ प्रकल्प के चारगांव, गव्हाणखेड़ी परिसर में आते ही अचानक उन्हें बाघ की दहाड़ सुनाई दी।
जिप्सी चालक ने अपना वाहन रोका, तब पर्यटकों को सामने में एक बाघिन के साथ दो शावक दिखाई दिए। पर्यटकों को दिखाई देनेवाली बाघिन यह "कैटरीना' होने का बताया। उसके साथ रहा शावक डेढ़ माह का होने का अंदाजा लगाया गया।
बताया गया कि कैटरीना नामक बाघिन की शावक को जन्म देने का यह पांचवा समय हैं। इसके पूर्व "कैटरीना' ने जन्म दिए शावकों में युवराज नामक बाघ, पिंकी नामक बाघिन का समावेश होने का तज्ञों द्वारा दी गई।
उल्लेखनीय है कि विदर्भ में पांच बाघ प्रकल्प है। इसमें वर्धा जिले के सेलू तहसील का बोर बाघ प्रकल्प यह देश का सबसे छोटा प्रकल्प है। 27 नवंबर 1970 को इस प्रकल्प को अभ्यारण्य का दर्जा मिला तथा अगस्त 2014 में बोर को बाघ प्रकल्प का दर्जा मिला।
यह प्रकल्प आकार से छोटा होने पर भी यह प्रकल्प जैवविविधता से संपन्न है। जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना है।