वर्धा का ड्राई पोर्ट बदलकर रख देगा विदर्भ की तस्वीर

वर्धा का ड्राई पोर्ट बदलकर रख देगा विदर्भ की तस्वीर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-18 14:55 GMT
वर्धा का ड्राई पोर्ट बदलकर रख देगा विदर्भ की तस्वीर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विदर्भ के वर्धा में बनाया जा रहा ड्राई पोर्ट मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग का हिस्सा है। सिंदी में बनाए जाने वाले इस ड्राई पोर्ट से विदर्भ के विकास को गति मिलेगी। इससे लाजिस्टिक क्षेत्र को खासा लाभ होगा। जिसके बाद उपराजधानी लाजिस्टिक हब बनने वाली है। मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग तैयार करने वाले महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) के सह प्रबंध निदेशक किरण कुरूंदकर के मुताबिक ड्राय पोर्ट को जेएनपीटी तैयार कर रहा है। जिसके कॉम्प्लेक्स में सीमा शुल्क मंजूरी कार्यालय और अन्य संस्थानों के कार्यालय बनाए जाएंगे। जिससे व्यापारियों को सीमा शुल्क संबंधित कार्य के लिए मूल बंदरगाह तक नहीं जाना होगा। 

क्या है ड्राई पोर्ट

ड्राई पोर्ट को मल्टी मॉडल लाजिस्टिक केंद्र भी कहा जाता है। यह रेल या सड़क मार्ग द्वारा किसी बंदरगाह से जुड़ा होता है। यह आयात-निर्यात होने वाले माल के परिवहन में एक ट्रांसशिपमेंट के रुप में कार्य करता है। इसे ड्राई पोर्ट इस लिए कहा जाता है कि क्योंकि यह पोर्ट जैसी ही सेवाएं प्रदान करता है। डाई पोर्ट समुद्र के करीब नहीं होता। डाई पोर्ट में कंटेनर यार्ड, गोदाम, रेलवे साईडिंग व कार्गो हैंडलिंग उपकरण और आयात-निर्यात मंजूरी के लिए प्रशासनिक कार्यालय भी बनाए जाते हैं।

होगा दोहरा लाभ

ड्राई पोर्ट से दोहरा लाभ होगा। इससे स्थानीय उद्योगों को लाभ होगा, साथ जवाहर लाल नेहरु बंदरगाह का भार भी कम होगा। इस पोर्ट से विदर्भ के कपास उत्पादकों को भी लाभ होगा। उन्हें अपना माल जेएनपीटी तक पहुंचाने के लिए समय व धन खर्च नहीं करना पड़ेगा। कुरूंदकर ने कहा कि नागपुर के बुटीबोरी औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगों को भी इस ड्राय पोर्ट से फायदा होगा। 

मराठावाड़ा में भी बनेगा वर्धा जैसा पोर्ट

वर्धा की तरह मराठवाडा में भी एक ड्राय पोर्ट बनाने की योजना है। यह पोर्ट जालना में बनाया जाएगा। इससे स्क्रैप आयात खर्च में कमी आएगी। इसके साथ ही मक्का, कपास जैसे कृषि उत्पादों और खाद्य प्रक्रिया उद्योग के लिए निर्यात में भी मदद मिलेगी। सरकार को उम्मीद है कि जालना में बनाए जाने वाले इस पोर्ट से औरंगाबाद के आटोमोबाईल हब को भी मदद मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना विदर्भ और मराठवाड़ा के लिए गेम चेंजर साबित होगा। प्रस्तावित मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग से राजधानी से उपराजधानी की यात्रा में लगने वाला समय आधा हो जाएगा।

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