चिन्हित अपराधों में डीएनए रिपोर्ट न रहे पेंडिंग ,डीजीपी सीआईडी ने की समीक्षा
सतना चिन्हित अपराधों में डीएनए रिपोर्ट न रहे पेंडिंग ,डीजीपी सीआईडी ने की समीक्षा
डिजिटल डेस्क , सतना। कानून व्यवस्था से लेकर अपराध विवेचना, विचारण और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में बेहतर कार्य के लिए पुलिस मुख्यालय की तरफ से नवाचार किया गया है, जिसके तहत एडीजीपी स्तर के अधिकारियों को अलग-अलग जिलों का प्रभार देकर समीक्षा एवं मार्गदर्शन के लिए अधिकृत किया गया है। इसी कड़ी में पीएचक्यू में पदस्थ एडीजीपी सीआईडी जीपी सिंह रविवार को सतना पहुंचे, जहां उन्होंने एसपी ऑफिस के कॉन्फ्रेंस हॉल में राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों की मीटिंग लेकर चिन्हित अपराधों में ट्रॉयल एवं गवाहियों की स्थिति के सम्बंध में सवाल-जवाब कर निर्धारित समय पर ही प्रक्रिया पूरी कराने की बात कही, तो ऐसे प्रकरणों में लंबित डीएनए रिपोर्टों की
जानकारी भी तलब की। एडीजीपी ने दो टूक कहा कि चिन्हित प्रकरणों में अनिवार्य रूप से डीएनए रिपोर्ट संलग्न की जाए और सुनिश्चित होगी बेवजह फॉरेंसिक रिपोर्ट पेंडिंग न रहे। उन्होंने अभियोजन अधिकारियों से रूबरू होकर अपराधों के विचारण में तेजी लाने पर चर्चा की।
समय पर तामिल हों समन-वारंट —-
एडीजीपी जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में विचाराधीन प्रकरणों में जारी होने वाले समन और वारंट की तामिली अनिवार्य रूप से निर्धारित समय सीमा के अंदर कराने की हिदायत जिले के पुलिस अधिकारियों को दी है। किसी भी प्रकार की कोताही का लाभ अपराधियों को मिलता है, ऐसे में तत्परता के साथ इस दिशा में काम किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि जिले में वर्ष 2015 से 2021 के बीच कुल 120 गंभीर और चिन्हित अपराध न्यायालयों में विचाराधीन हैं, कई प्रकरण अंतिम दौर में चल रहे हैं।
कलेक्टर ने की मुलाकात —-
बैठक के दौरान ही कलेक्टर अनुराग वर्मा ने एसपी ऑफिस आकर एडीजीपी श्री सिंह से मुलाकात कर कानून व्यवस्था एवं न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों को लेकर चर्चा की। समीक्षा बैठक में पुलिस कप्तान धर्मवीर सिंह के साथ एएसपी सुरेन्द्र जैन, नागौद एसडीओपी मोहित यादव, मैहर एसडीओपी हिमाली सोनी समेत थाना प्रभारी एवं एसपी ऑफिस के सभी शाखाओं के प्रभारी उपस्थित रहे। इससे पूर्व एडीजीपी ने मैहर में मां शारदा के दर्शन किए और सड़क मार्ग से सतना सर्किट हाउस पहुंचे, जहां पुलिस अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।