थाने में पत्र देने के बावजूद विद्यार्थियों को न मिले पैसे, न दस्तावेज

वर्धा थाने में पत्र देने के बावजूद विद्यार्थियों को न मिले पैसे, न दस्तावेज

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-24 11:59 GMT
थाने में पत्र देने के बावजूद विद्यार्थियों को न मिले पैसे, न दस्तावेज

डिजिटल डेस्क, वर्धा. जीएनएम नर्सिंग की परीक्षा से वंचित विद्यार्थियों का संघर्ष सोमवार को आठवें दिन भी जारी रहा। इस दौरान सोमवार को छात्राओं ने जिलाधिकारी राहुल कर्डिले के साथ एसपी नुरूल हसन से भी मांगों को लेकर चर्चा की। लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया। इसके पूर्व शालोम नर्सिंग कॉलेज के संस्थापक अमोल श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों के साथ 20 जनवरी को पुलिस थाना में चर्चा की थी। पैसे लौटाने की मांग को लेकर पत्र तक दिया था। लेकिन सोमवार 23 जनवरी तक किसी भी विद्यार्थी के पैसे और दस्तावेज नहीं लौटाए जाने के कारण विद्यार्थियों ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दस्तक दी। जहां पुलिस अधीक्षक ने आश्वस्त करते हुए आगे की कार्रवाई डीवाईएसपी द्वारा किए जाने की बात कही। 

इस दौरान सोमवार सुबह 10 बजे जिलाधिकारी से भी नर्सिंग की छात्राओं ने चर्चा की। इसमें विभिन्न मांगें रखते हुए दस्तावेज व राशि लौटाकर न्याय देने की मांग की गई। इस दौरान जिलाधिकारी ने जांच के लिए समय मांगा। बता दें कि महाराष्ट्र राज्य जीएनएम नर्सिंग की परीक्षा का आयोजन 17 से 20 जनवरी तक किया गया था। परंतु शालोम नर्सिग कॉलेज के संस्थापक ने शालोम के नाम से एडमिशन कर अन्य कॉलेज जिसमेें हेडगेवार, शिवाजी, युनाएटेड और आंबेडकर नर्सिंग कॉलेज में बिना बताए करीब 160 विद्यार्थियों का एडमिशन कराए जाने का विद्यार्थियों ने आरोप लागया था।  प्रशील धाबेकर नामक छात्र कहते हैं कि साल 2021-22 में परीक्षा में बैठे शालोम कॉलेज के अनेक विद्यार्थियों को अनेक माह बीत जाने के बावजूद रिजल्ट का इंतजार है। इधर शालोम नर्सिंग कॉलेज के संस्थापक अमोल श्रीवास्तव से फोन पर जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। 

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