सुनवाई किसके सामने होगी 13 सितंबर को होगा तय
देशमुख मामला सुनवाई किसके सामने होगी 13 सितंबर को होगा तय
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की ओर से मनी लांड्रिग से जुड़े मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी किए गए समन को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दायर आवेदन पर सुनवाई 13 सितंबर 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है। अगली तारीख के दौरान अदालत यह तय करेंगी कि देशमुख के आवेदन पर सुनवाई एकल न्यायाधीश के पास होगी या फिर आवेदन को खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए भेजा जाएगा। देशमुख ने पिछले सप्ताह ईडी की ओर से जारी समन रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया है।
गुरुवार को देशमुख का आवेदन न्यायमूर्ति एसके शिंदे के सामने सुनवाई के लिए आया। इस दौरान ईडी की ओर से पैरवी कर रहे सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति का ध्यान इस मामले को लेकर हाईकोर्ट रजिस्ट्री की ओर से जारी एक टिप्पणी(नोट) की आकर्षित कराया। जिसमें कहा गया है कि इस मामले को खंडपीठ (दो न्यायमूर्तियों की पीठ) के सामने सुनवाई के लिए रखा जाए। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट रजिस्ट्री की नोट में दर्ज इस आपत्ति को पहले निपटाया जाना चाहिए। वहीं देशमुख की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी व अधिवक्ता अनिकेत निकम ने कहा कि एकल न्यायाधीश के पास इस आवेदन पर सुनवाई करने का अधिकार है।
इस पर न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि वे 13 सितंबर को यह तय करेंगे कि देशमुख के आवेदन पर एकल न्यायाधीश के सामने सुनवाई होगी कि खंडपीठ के सामने। गौरतलब है कि आवेदन में ईडी के समन को रद्द करने के अलावा देशमुख ने कोर्ट से आग्रह किया है कि इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाए। जिसमें मुंबई के बाहर के ईडी के अधिकारियों को शामिल किया जाए। आवेदन में देशमुख ने कोर्ट से निवेदन किया है कि ईडी को आनलाइन (इलेक्ट्रानिक मोड) तरीके से मेरे बयान दर्ज करने का निर्देश दिया जाए।
आवेदन में देशमुख ने कहा है कि ईडी की ओर से उन्हें समय-समय पर जारी किए गए समन को रद्द किया जाए। ईडी अब तक देशमुख पांच समन जारी कर चुकी है लेकिन देशमुख एकबार भी ईडी के कार्यालय में प्रत्यक्ष रुप से उपस्थित नहीं हुए है। आवेदन में देशमुख ने कहा है कि मामले से जुड़े दस्तावेज उन्हें आनलाइन तरीके से ईडी के सामने रखने की अनुमति दी जाए। और ईडी को आनलाइन मेरा बयान दर्ज करने के लिए कहा जाए।
गढचिरोली बम धमाके की आरोपी उप्पुगंती को धर्मशाला में भेजने का दिया निर्देश
उधर जेल में बंद कैदी भी इंसान है और उन्हें जीवन के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। यह बात कहते हुए बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है वह माओवादी नेता निर्मला उप्पुगंती को कैंसर के इलाज के लिए हासपिस(धर्मशाला) में भर्ती करे। उप्पुगंती साल 2019 में गढचिरोली में हुए आईईडी धमाके के मामले में आरोपी है। हॉसपिस वह जगह है। जहां गंभीर रुप से बीमार लोगों लोगों की दर्द और तकलीफें कम करने के साथ ही उन्हें भावनात्मक एवं आध्यात्मिक सहयोग दिया जाता है। उप्पुगंती ने अपने उपचार के लिए धर्मशाला में भेजने का निर्देश देने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में आग्रह किया गया था कि उन्हें धर्मशाला में भेज दिया जाए ताकि अंतिम दिनों में वहां उनकी देखभाल ठीक ढंग से हो सके। उप्पुगंती की याचिका पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की खंडपीठ ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वह उप्पुगंती को भायखला की महिला जेल से 15 सितंबर तक धर्मशाला में भेजे।