खदान के मुंशी पर जानलेवा हमला, पुलिस की नजर में गंभीर नहीं अपराध!
सतना खदान के मुंशी पर जानलेवा हमला, पुलिस की नजर में गंभीर नहीं अपराध!
डिजिटल डेस्क सतना। अगर, यही हाल रहा तो बेलगाम खनिज माफिया के गुर्गे मझगवां तहसील क्षेत्र के सभापुर, बिरसिंहपुर और धारकुंडी थाना क्षेत्रों में गैंगवार के हालात खड़े कर कर सकते हैं? इलाके के ग्रामीणों का मानना है कि वक्त रहते अगर पुलिस ने सख्ती नहीं दिखाई तो छोटी-छोटी घटनाएं कल बड़े खूनी संषर्घों की बारुदी बुनियाद बिछा सकती हैं। ग्रामीणों को डर है कि कटनी और बाहर के अन्य आयातित खनिज कारोबोरियों के बढ़ते प्रभाव ने इस ग्रामीण अंचल में कानून-व्यवस्था को चुनौतियां देनी शुरु कर दी हैं।
१० हजार की नकदी भी छीनी:-----
मिसाल के तौर पर मंगलवार की सुबह पौने ९ बजे लाठी-डंडों से लैस ७ नामजद आरोपी बड़ेरा कला खदान पहुंचे और खाना खा रहे मुंशी श्याम सूरत द्विवेदी पिता जानकी शरण द्विवेदी निवासी इटवां डुडैला ,थाना मारकुंडी (यूपी)पर टूट पड़े। आरोप है कि लाठियों से मुंशी की जमकर पिटाई की गई । मुंशी के दाएं हाथ और कान में चोटें आईं। एक कान से सुनाई देना बंद हो गया। आरोप है कि मौके पर आरोपियों ने तोडफ़ोड़ की और १० हजार की नकदी भी छीन ली गए। मगर, फरियादी मुंशी जब अपने दो सहयोगियों अनुभव अग्रवाल और संदीप त्रिपाठी जैसे-तैसे सभापुर थाने पहुंचा तो पुलिस ने जानलेवा हमले और लूट की घटना को सीआरपीसी की धारा-१५५ के तहत असंज्ञेय अपराध दर्ज करते हुए आरोपियों के हौसले बढ़ा दिए।
लिखित शिकायत, मौखिक हो गई :-
खनिज माफिया के गुर्गों पर पुलिस की मेहरबानी का अंदाजा फरियादी मुंशी श्याम सूरत द्विवेदी के इस आरोप से भी लगाया जा सकता है कि सभापुर थाने में उसने आरोपी रावेंद्र पांडेय उर्फ राबे, सीवेंद्र पांडेय उर्फ जुग्ग और डब्ल्यू पांडेय उर्फ संतोष पांडेय सभी निवासी बड़ेरा कला (बिरसिंहपुर) तथा अन्य अरूण साकेत, किशोर साकेत , हीरो गोड तथा मनोज गोड़ के नाम लिखे थे, लेकिन सभापुर पुलिस ने सीआरपीसी की धारा-१५५ के तहत कायमी में फरियादी के बयान को मौखिक बना दिया। और इस तरह कातिलाना हमला और लूट की वारदता महज गाली-गलौज और हाथ मुक्का में बदल दी गई।