मुंबई में बढ़ रहा महिलाओं के खिलाफ आपराध, सबसे ज्यादा छेड़छाड़ के मामले

मुंबई में बढ़ रहा महिलाओं के खिलाफ आपराध, सबसे ज्यादा छेड़छाड़ के मामले

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-22 14:01 GMT
मुंबई में बढ़ रहा महिलाओं के खिलाफ आपराध, सबसे ज्यादा छेड़छाड़ के मामले

दुष्यंत मिश्र, मुंबई। महिलाओं के लिए देशभर के महानगरों सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली मुंबई अब महिलाओं के लिए असुरक्षित बनती जा रही हैं। पिछले कुछ सालों में दर्ज मामलों से साफ है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध साल दर साल बढ़ रहे हैं। बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ बनाए गए कड़े कानून का भी इस पर असर होता नहीं दिख रहा है। मुंबई में साल 2017 में बलात्कार के 751 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि इससे पहले साल 2016 में बलात्कार के 712 और साल 2015 में बलात्कार के 710 मामले ही दर्ज हुए थे।

हैरानी की बात ये है कि इस साल यानी 2018 के पहले तीन महीनों में ही महानगर में बलात्कार के 201 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। जबकि पिछले साल के पहले तीन महीनों में बलात्कार के 150 मामले ही दर्ज किए गए थे। सिर्फ बलात्कार ही नहीं महिलाओं के खिलाफ होने वाले कमोबेश सभी अपराध बढ़े हैं। महानगर में महिलाओं के खिलाफ साल 2017 में 5425 आपराधिक मामले सामने आए थे। जबकि साल 2016 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 5179 और साल 2015 में 4810 मामले दर्ज किए गए थे। इस साल के पहले तीन महीनों में महानगर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 1548 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

जो पिछले साल के पहले तीन महीनों में दर्ज कुल मामलों 1336 से कहीं ज्यादा हैं। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में सबसे ज्यादा छेड़छाड़ के मामले हैं। छेड़छाड़ के साल 2016 में 2180 जबकि साल 2017 में 2268 मामले सामने आए। इस साल के पहले तीन महीनों में मुंबई में छेड़छाड़ की 682 वारदातें दर्ज की गईं हैं। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर मुंबई पुलिस के आला अधिकारी तो फिलहाल बोलने को तैयार नहीं हैं लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता चेतन कोठारी के मुताबिक अपराधियों में पुलिस के खौफ की कमी के चलते महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं।

बढ़ रहे हैं महिलाओं के खिलाफ अपराध

साल                 महिलाओं के खिलाफ अपराध       बलात्कार

2018 (मार्च तक)       1548                                201
2017                       5425                                751
2016                       5179                                712
2015                       4810                                710
 

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